For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जड़ दिहला हो, रामा ! जड़ दिहला

सगरौ देहियाँ पे गाढ़ा चुंबन, जड़ दिहला |

 

हथवौ से जड़िला, नजरियौ से जड़िला

बहियाँ में लइके अँकवरियौ से जड़िला

अंगै-अंग होंठवा मुहर किहला |

 

उरौ पे जड़िला, उर-फुलवौ पे जड़िला

अँगुरियन कै टोहवा कुछ नहिं छोड़िला

पोरै-पोर रसवा भर दिहला |

 

हियवा कै छपवा हियरवा में उतरल

मनुआँ कै हिरना चेहरवा पे उछरल

सेजिया इंद्र-धनुसवा कर दिहला |

 

रामै कै देह, रामै तोहरा चुंबन

रामहि बरनवा, राम-रसरी में दुइ तन

सौ-सौ जनमवा रामा ! हर लिहला |

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

-- संतलाल करुण  

Views: 1185

Replies to This Discussion

सुफ़ियाना अंदाज़ में निकहे गीत रचना भइल बा आदरणीय.  एह सुन्नर रचना खातिर अनघा बधाई आ शुभकामना.. 

सादर

आदरणीय पाण्डेय जी, हमनी के भोजपुरी नहिखे आवल बा | प्रयास किह्लीं हई | अ इही कारन इह्मे अवधी केर पुट जबरिया घुस गइल बा | लकिनआप केर बधाई अउर सुभजामना से कोसिसिया को बहुतै ताकत मिलल बा, बहुतै आभार !

आदरणीय सन्तलाल करुन जी, रउआ भोजपुरी भासा के ना हईं, बाकिर, राउर रचना प्रयास आ भासा खातिर उछाह मन मोह रहल बा.

आदरणीय, अइसहीं नेह-छोह बनल रहो.

सादर

आदरणीय पाण्डेय जी, आप की सद्बावाना से हृदय गद्गद हुआ, सहृदय आभार !

बहुत ही सुन्दर ,  हार्दिक बधाई आपको …………..

आदरणीय वर्मा जी,

उत्प्रेरक उद्गार के लिए हार्दिक आभार !

वाह! गीत सुन (पढ़) के ता रोम-रोम झूम गईल एकदम से..
बहुत-बहुत बधाई रउवा के एह रचना खाति..।।

आदरणीय जयनित जी,

आप ने रचना मन से पढी और हृदय से पसंद की, बहुत-बहुत धन्यवाद !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"रिमझिम-रिमझिम बारिशें, मधुर हुई सौगात।  टप - टप  बूंदें  आ  गिरी,  बादलों…"
45 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हम सपरिवार बिलासपुर जा रहे है रविवार रात्रि में लौटने की संभावना है।   "
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ आओ देखो मेघ को, जिसका ओर न छोर। स्वागत में बरसात के, जलचर करते शोर॥ जलचर…"
8 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद *********** हरियाली का ताज धर, कर सोलह सिंगार। यौवन की दहलीज को, करती वर्षा पार। करती…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम्"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
Wednesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service