For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इ का हो रहल बा ,
समझ में नइखे आवत ,
का मनमोहन बाबु के,
बुद्धि कही चरे चल गइल बा,
कि उनकर बछरुआ ,
सब के सब बे हाथ हो गइल बा,
एगो राजा साहेब बाडन,
उनकरा बात से अईसन लागेला ,
अगर उ बडका घर में पैदा ना भइल रहते,
त उ कही के ना रहते ,
देखि काल्ह तक बाबा के,
आगे पीछे मंत्री लोग घुमत रहे ,
आज लाज पचावत बा लोग,
दिन के उजाला में शरम लगत बा ,
रात के अँधेरा में आसुगैस
आउर लाठी चलवावत बा लोग,
छिः चुलू भर पानी होखे,
ता डूब मर लोग,

Views: 806

Replies to This Discussion

एह सद्यः प्रस्तुति के कारन आ एह कारन का पाछा के गुस्सा, भाईजी, एकदम से बुझा रहल बा.

मन संवेदना से सराबोर होखे त चारि तारीख के रात दिल्ली में घटल अइसना घटना पर चुप ना रहि सके. बाकिर ईहे कथनिया गद्य रूप में आइल रहित त बहस (डिसकसन) के निकहा बिन्दु सोझा रहित. गद्य के गरिमो के ध्यान राखल जरुरिये बा.

आ,

//आगे पीछे मंत्री लोग घुमात रहे ,
आज लाज पचावत बा लोग ,//

भाईजी, कहवाँ लाज पचावत बा लोग?? ऊ लोग त बेसरमी के हद ले जाइके सगरे घिनही मचवले बा..

गुरु जी, हमनी के पढ़ावल गइल बा कि कमजोर आदमी तुरंत अपना चरम पर यानी औकात पर आ जाला, इ कमजोर सरकार भी आपन औकात देखा दिहलस, इ त अंगरेजवन से चार कदम आगे निकल गइलन सन, जे भी सेंसेटिव दिमाग के लोग बा ओकरा मन में आक्रोश बा आ एकर खामियाजा आज न त काल भुगते के ही पड़ी | 

बहुत ही सुंदर रचना, साधुवाद | 

सबसे पाहिले त राउआ दुनु आदमी के धन्यवाद , रहल बात गुस्सा के त इ गुस्सा वो सब आदमी में आई जे दिल से हिदुस्तानी होखे आउर जे ओसामा के जी आउर कोई भी सन्यासी के ठग कही अउसन परविती के लोग के गुस्सा कहा से आई उहे न बात भइल नामर्द के मर्दानगी के वास्ता देला से कोई फायदा न होई ,
सरकार के हाथ हम सब ही मजबूत कईले बनी. अब रोए से का फ़ायदा होई. हाथ में तलवार हमही पकड़वले बानी. ख़ामियाजा भुगते खातिर तैयार रहीं 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
18 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ठीक है "
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शुक्रिया आ सादर हम जिसे अपना लहू लख़्त-ए-जिगर कहते थे सबसे पहले तो उसी हाथ में खंज़र निकला …"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"लख़्त ए जिगर अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाता है  यहाँ सनम शब्द हटा दें "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service