For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 आदरणीय एडमिन

आप सभी सुधी विद्वान है I आपको साहित्य और  इतिहास का संबंध ज्ञात है  I ऐतिहासिक कहानियों , उपन्यासों और काव्यों  से इतर इतिहास के लेख भी रोचक होते है और हमें अच्छी जानकारियां  भी देते है I   इस मंच पर  राजनीति और फिल्म संबंधी लेख के लिए तो अवसर है, जो साहित्य से अधिक करीब नहीं हैं  पर इतिहास के लिये नहीं  है i मैंने सोचा कि ऐसे लेख भी दूं पर कोई उचित स्थान नहीं मिला  I

मैं समझ सकता हूँ  कि अधिकांश सदस्यों में गंभीर लेखन में कम रुचि है i वे न  लिखते है न पढ़ते है i पर मंच का उद्देश्य  तो व्यापक होना ही चाहिए i  सौरभ जी के लेख भले कोई न पढ़े पर उनका अपना महत्व  तो है आखिर यह सामग्री ही तो इस मंच  पूंजी  हैं  I

इसी प्रकार छंद के लिए स्थान है, पर काव्य-शास्त्र के लिए स्थान नहीं है i मेरे काव्य-शास्त्रीय लेख इसी स्थानाभाव के कारण  छंद चर्चा में डाले  गये i

यह मेरी कोई  शिकायत नहीं है  i एडमिन के सभी लोग मुझे जानते है i मैं भी सब को जानता हूँ i  सब एक परिवार है i हम अनुजाग्रज की डोर  में बंधे हैं i अतः यह मेरा मात्र सुझाव है i आपके हाथों  में है  i कोई बंधन नहीं है i  सादर i

Views: 837

Replies to This Discussion

इस वैचारिक प्रस्तुति के लिए सादर धन्यवाद आदरणीय |

 

सादर ...............

वर्मा जी

आपका आभार i

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी, जिस विषय हेतु अलग से समूह नहीं बना है उस विषय पर आलेख ब्लॉग सेक्सन में पोस्ट किया जा सकता है उसी प्रकार ऐसे पोस्ट जिसपर चर्चा की गुंजाईश हो उसे फोरम सेक्सन के अंतर्गत पोस्ट कर सकते हैं । सादर ।

आदरणीय बागी जी \

उक्त जानकारी के लिए आभार i  सादर i

आदरणीय डॉo गोपाल नारायण जी का सुझाव विचारणीय है। संक्षेप में , हम अपने इतिहास के प्रति उदासीन ही नहीं है , अनभिज्ञ भी है। कभी-कभी किसी विद्वत मंच से अपने इतिहास की इतनी भ्रामक बातें सुनाई पड़ जाती हैं कि आश्चर्य होता है। " हम हजारों साल गुलाम थे " या " हमने सदियों गुलामी झेली है " , जैसे वाक्य जब किसी बहुपठित के मुख से सुनने को मिले तो त्रासदी ही लगती है। सबसे बड़ा आश्चर्य तो यह है कि आज भी हम अपनी हर कमी , हर अकर्यमणता के लिए औपनिवेशिक शासन को उत्तरदायी ठहरा देते हैं। इतिहास को हम सजो - संभाल नहीं पाये , वर्तमान हमारे वश में नहीं हैं। जिस मानसिक गुलामी से हम कभी उबर नहीं पाये , उसकी हम कभी बात नहीं करते हैं। शायद इसलिए कि हम उससे मुक्त होना ही नहीं चाहते , बात हम शिक्षा की करते हैं पर अज्ञानता को सर्वाधिक हम ही पूजते हैं , हम अभी भी अज्ञानता को साक्षरता और शिक्षा से अधिक उपयोगी और लाभप्रद मानते हैं। बलिहारी है हमारी। विश्व में आगे वे लोग बढ़ें जिन्होंने दूसरों के लिए कुछ, बहुत कुछ किया। हम ज़रा सी भी पॉवर मिल जाये तो सात पुश्तों के लिए व्यवस्था कर लेने को ही परम लक्ष्य मानते हैं। दुनिया की समस्त आधारिक धारणाओं एवं मान्यताओं की हम अपनी स्वलाभ साधने वाली परिभाषाएं गढ़ लेते हैं। हम जब भी कुछ करते हैं, सबसे पहले छत बनाते हैं , बुनियाद और नाली को तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए छोड़ देते हैं . अधिक नहीं पर ऐसा तो कभी नहीं रहा हमारा इतिहास। जागने का कोई समय नहीं होता है , दुनिया में हर पल कहीं न कहीं सूर्योदय होता रहता है , इसलिए कभी भी जागिये , पर जागिये तो।

आदरणीय विजय सर

आपके समर्थन से इस चर्चा को बल मिला है i मैं आपका आभारी हूँ  i सादर i

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
10 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service