For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

 
उपजता द्वेष मन में, क्रोध करो जब आप,
        
क्रोध आवे जब मन में, करों राम का जाप |
 
 
मोह जाल में फंस गये, रहे न कोई साथ,
 
अकड़े मद में चूर हो , क्यों दे कोई साथ |
 
 
लालच मन में आगया, जा गिरेगा गर्त,
 
लालच की सीमा नहीं, होगा बेडा गर्क | 
 
 
 
काम वासना में लिप्त, घोर नरक का द्वार,
 
घोर नरक का द्वार है, होता न कभी उद्धार | 
 
 
कडवाहट जब घर करे,तेरे मन के द्वार,
 
चिंतन से जब हल करे,खुलजाय मन द्वार |
 
 
लोकप्रियता पाने का, बड़ा शातिर रोग,
 
सुख चैन खातिर ही, छोडो ऐसा  रोग   |
 
 
छोडो ऐसे रोग को , करले नैय्या पार, 
 
सच्चा सुख पाने को, हो जाओ तैयार |  
 
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला, जयपुर 

 

 

Views: 649

Replies to This Discussion

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद लाडीवाला जी,

क्षमा कीजिएगा, कल कुछ व्यस्तताओं के चलते आपके दोहे नहीं देख सकी,

भाव बहुत अच्छे हैं इन दोहों के, पर मात्रिक गणना में त्रुटियाँ है, और कहीं कहीं प्रवाह भी बाधित है....आप मात्रिक सुधार कर दोहों को ३-४ बार जोर से बोल कर देखें, अपेक्षित परिवर्तन स्वयमेव ही समझ आने लगेंगे...

उदाहरण स्वरुप पहले दोहे को अपनी समझ अनुसार परिवर्तित किया है.

 

उपजता द्वेष (२+१=३)मन में, क्रोध करो जब आप,..............प्रथम चरण में मात्र १२ हो रही है

क्रोध आवे जब मन में, करों राम का जाप |

 द्वेष भाव उपजे ह्रदय, क्रोध करें जब आप

मन आवे जब क्रोध तो, करें राम का जाप

 

मोह जाल में फंस (२+१=३) गये, रहे न कोई साथ,...प्रथम चरण की मात्रा १४ हो रही है, यहाँ फँस कर लें तो मात्रा  १३ हो जायेगी

अकड़े मद में चूर हो , क्यों दे कोई साथ |

 

लालच मन में आगयाजा गिरेगा गर्त(२+१=३),...........द्वितीय चरण की मात्रा १० ही है

लालच की सीमा नहींहोगा बेडा गर्क | 

 

काम वासना में लिप्त(२+१), घोर नरक का द्वार,.........दोहे के प्रथम व तृतीय चरण का अंत दीर्घ लघु से नहीं करते, यहाँ १२ या १११ ही प्रयुक्त ओता है .

घोर नरक का द्वार है, होता न कभी उद्धार(२+२+१=५) ....यहाँ सम चरण में मात्रा १२ हो रही है

  

कडवाहट जब घर करे, तेरे मन के द्वार,

चिंतन से जब हल करे, खुल जाय मन द्वार |...................यहाँ सम चरण की मात्रा १० है

  

लोकप्रियता(२+१+२+१+२=८) पाने का, बड़ा शातिर रोग,....विषम चरण की मात्रा १४ तथा सम चरण की मात्रा १० है

सुख चैन खातिर हीछोडो ऐसा  रोग   |...................विषम चरण की मात्रा ११ है

 

छोडो ऐसे रोग को , कर ले नैय्या पार

सच्चा सुख पाने को, हो जाओ तैयार | ................विषम चरण की मात्रा १२ है

 

आपका निरंतर प्रयास जल्दी ही आपको इस छंद में सिद्धहस्तता दे , ऐसी शुभकामना है..सादर.

करले नैया पार दोहों पर उचित मार्गदर्शन करने के लिए आपका हार्दिक आभार
दरअसल 2 माह प्रूव लिखे दोहे अब पुनः पढने पर मुझे गेयता की कमी लगी तब
मैंने एक बार सलाह करना उचित समझ कर आपको निवेद्दन किया । पुनः आभार

आपका हार्दिक स्वागत है आदरणीय लक्ष्मण जी 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर  होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर ।उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
6 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service