माता रानी तेरी जय हो जय हो // कुशवाहा//
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जय हो जय हो सदा ही जय हो .
माता रानी तेरी जय हो जय हो
भक्त जो आये तेरे द्वारे
उनका कभी कुछ न क्षय हो
जय हो जय हो सदा ही जय हो .
माता रानी तेरी जय हो जय हो
हम नही जाने तेरी पूजा
पाप कर्म सदा रहा है दूजा
होगी क्रपा मुझ पर भवानी
बन जाऊंगा मैं भी ग्यानी,
पाप मेरे अब सब हर ले तू,
निर्मल तन और मन कर दे तू.
मुझे कभी किसी से न भय हो
जय हो जय हो सदा ही जय हो .
माता रानी तेरी जय हो जय हो
जो जो तेरे दर पर आया
बिन मांगे सब कुछ पाया
शिव ऐसी तू अवढर दानी
शत्रु भी मांगे दर पर पानी
तू जगदम्बा तू ही भवानी
नौ नौ रूप धरे न अभिमानी
तेरा दर्शन सदा मंगलमय हो
जय हो जय हो सदा ही जय हो .
माता रानी तेरी जय हो जय हो
हर रूप तेरा सबको फलता
पापी तोहे हर पल छलता
करती तू है जब विध्वंस मैया
त्रैलोक में भी न वो बचता
करके तू संहार देती छाया
आंचल सदैव ममतामय हो
जय हो जय हो सदा ही जय हो .
माता रानी तेरी जय हो जय हो
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
२२-४-२०१३
मौलिक/अप्रकाशित
Tags:
जो जो तेरे दर पर आया
बिन मांगे सब कुछ पाया
शिव ऐसी तू अवढर दानी
शत्रु भी मांगे दर पर पानी
तू जगदम्बा तू ही भवानी
नौ नौ रूप धरे न अभिमानी
तेरा दर्शन सदा मंगलमय हो
बहुत ही सुन्दर इससे ज्यादा प्यारी आराधना क्या होगी माता के लिए बहुत- बहुत बधाई आदरणीय इस सुन्दर भजन हेतु ।
आ0 कुशवाहा जी, ’’तू जगदम्बा तू ही भवानी
नौ नौ रूप धरे न अभिमानी ’’ भक्तिमय सुन्दर रचना। बधाई स्वीकारें। सादर,
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