दोहे // प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा //
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राम नाम लिये बगैर करते हैं जो काज
जीवन सदा दुखी रहे जान लीजिये राज
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जामवंत कह सुन हनू महिमा अपरमपार
राम नाम सुमिरन करत उतरो सिंधू पार
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राम चरण हृदय धरी चले वीर हनुमान
शत योजन का लक्ष्य है पा कर करूँ विश्राम
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सागर बीच जा पहुँचे अन्जनि पुत्र हनुमान
शक्ति परीक्षण कर रही सुरसा दे पहचान
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सुरसा बदन बढ़ाय ज्यों दून कीन हनुमान
लघु रूप धर निकल चला बिना किये अभिमान
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मौलिक / अप्रकाशित
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
२-८-२०१४
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