अभय कान्त झा दीपराज कृत -
सरस्वती वंदना - २
हे वीणावादिनी, हंसवाहिनी, हमें ज्ञान का वर दे |
देवतुल्य मानवता से माँ, मन आलोकित कर दे ||
ज्ञानार्जन की दिव्यदृष्टि माँ, अध्ययन की शक्ति दे |
धर्म न्याय और मानवता के प्रति अविचल भक्ति दे ||
हर एक दोष और दुर्गुण हर, मन संशोधित कर दे |
हे वीणावादिनी, हंसवाहिनी, हमें ज्ञान का वर दे || १ ||
पथिको की छाया, प्यासों का हमको नीर बना दे |
दानवता के भक्षक हों हम, वह रणवीर बना दे ||
सबकी हर पीड़ा हम हर लें, वह सुन्दर शुभ-स्वर दे |
हे वीणावादिनी, हंसवाहिनी, हमें ज्ञान का वर दे || २ ||
सबके सुख की अभिलाषा का, आँखों को सपना दे |
सब समृद्ध - सुखी हों जिसमें, जग को वह रचना दे ||
शान्ति - सुमति का वास जहाँ हो, हमको माँ वह घर दे |
हे वीणावादिनी, हंसवाहिनी, हमें ज्ञान का वर दे || ३ ||
हम समाज में न्याय, धर्म, सुख, शान्ति दूत बन चमकें |
सूरज - चाँद - सितारे बनकर, जग - उपवन में चमकें ||
धैर्य - ज्ञान और बल - बुद्धि की, हमको शक्ति अमर दे |
हे वीणावादिनी, हंसवाहिनी, हमें ज्ञान का वर दे || ४ ||
देश - समाज, पिता और माता, कुल के हम गौरव हों |
दुर्बल और दीनों के रक्षक, जग के हम सौरभ हों ||
माँ हमको तू मानवता का चन्दन - केशर कर दे |
हे वीणावादिनी, हंसवाहिनी, हमें ज्ञान का वर दे || ५ ||
हे वीणावादिनी, हंसवाहिनी, हमें ज्ञान का वर दे |
देवतुल्य मानवता से माँ, मन आलोकित कर दे ||
रचनाकार - अभय दीपराज
Tags:
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |