For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ तेइसवाँ आयोजन है.   

 

इस बार का छंद है - वीर या आल्हा छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

24 जुलाई 2021 दिन शनिवार से 25 जुलाई 2021 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं. 

वीर या आल्हा छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...

चित्र अंतर्जाल से

जैसा कि विदित है, कईएक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो

24 जुलाई 2021 दिन शनिवार से 25 जुलाई 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 2133

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

हार्दिक स्वागत है, सुधीजनो !

सादर अभिवादन..

iआल्हा   / वीर छंद  : 

विषय  :जनसंख्या विस्फोट 

जनसंख्या सीमित हो भारत, अन्यथा  होय  बंटाधार ।

रोज - रोज   कोरोना  होगा, कौन  मिलेगा गंगा पार ।।

आदि मानव जो जन्म पशु था, अब  उसकी  दुनिया सरकार ।

विश्व,,,,,,पताका  ,,,,फहरायेगा, पुनि पुनि हो उसका सत्कार ।।

वीर चाहिये भारत माँ को,   मारे ,,जो ,,दुश्मन ललकार। 

माँ का सर जो ऊँचा कर दे, पाक  ड्रोन का  हो संहार ।।

शंखनाद सुन वीरों का माँ, काँप,, पाक , धरती ,,,भी जाय। 

अंत: वस्त्र,,, गीले हों अरि, काँप काँप अरि सिन्धु समाय ।।

मौलिक एवं अप्रकाशित 

आ. भाई चेतन जी, अच्छी प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई।

कोटिश: साधुवाद, आ0. भाई लक्ष्मण सिंह धामी 'मुसाफिर' साहब कि अपने व्यस्त समय का कुछ अंश, मेरी  प्रस्तुति को देकर मुझे कृतार्थ किया  ! सादर 

आ० चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र से आपकी रचना पूरी तरह से एकसार नहीं होती. परंतु आपकी प्रयास अवश्य श्लाघनीय है. 

आल्हा छंद के विथान को कृपया एक बार और देख-पढ़ जायँ. 

शुभ-शुभ 

नमन, आदरणीय सौरभ साहब, छंदोत्सव के शुभारंभ करने वाली रचना का स्वागत करने का अंदाज़ बहुत मनोहारी है! सो, आप कोटिशः धन्यवाद के पात्र हैं! रहा, प्रस्तुति से चित्र के यकसार न होने का प्रश्न, " नज़र अपनी- अपनी ख्याल अपना- अपना " ! रहा, विधा आल्हा अथवा अन्य किसी विधा में अध्ययन रत होने का प्रश्न, आपक और मेराही नहीं, आशा ही नहीं, प्रभु से कामना करता हूँ, सभी साथियों को निरंतर यह सौभाग्य मिले! सादर... 

आयोजनों की प्रतिटिप्पणियों में 'नजर अपनी-अपनी खयाल अपना-अपना' आदि करने से बचें, आदरणीय. 

आयोजन कार्यशाला हुआ करते हैं. यह बात अलग है कि इनके प्रति पाठकों-सदस्यों का आग्रह लगातार विरल होता गया है. 

सादर

आदरणीय चेतन प्रकाशजी

प्रशंसनीय है आपका प्रयास हृदय से बधाई।

आकाश लाल है सूर्य उदित, जनता उठी सवेरा जान।
सत्ता के सारे झूठ मिटा, वो गढ़ने अब नव प्रतिमान।।
पाये हैं शासन से जितने, हर  दुख का अब उसको भान।
अभिलाषा है मन में केवल, हर मुख पर हो बस मुस्कान।।
*
इठलाते हैं सेवक राजा, सिर पर पहन दम्भ का ताज।
देते झूठे वचन वेदना, करते केवल निज हित काज।।
दशकों की ठंडी आग पड़ी, सुलग उठी जनजन में आज।
संकल्प  ले  उतरे  मैदान  में,  बदलेगें  पाखंडी  राज।।
*
जनता जब यूँ कोपाकुल हो, नित्य लगे भरने हुंकार।
नेताओं में मच जाता है , सत्य कहूँ तब हाहाकार।।
टिके हुए है ये जनता पर, इनका अपना क्या आधार।
उड़ जायेंगे सभी धुरन्धर, मिट जायेगा अत्याचार।।

मौलिक/अप्रकाशित
( इस छन्द पर पहला प्रयास है। सुधीजन मार्गदर्शन करें)

आ० लक्ष्मण धामी जी, आपका प्रस्तुत छंद पह प्रथम प्रयास श्लाघनीय है. 

शुभकामनाएँ 

आप १६-१५ की यति पर निबद्धता पर एकाग्र हों. यह बहुत कठिन नहीं है.

इस मंच पर उपलब्ध विधान का अवगाहन करें, पंक्तियों में वाचन-प्रवाह और गेयता की दशा  बन जाएगी.. 

शुभातिशुभ 

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शन के लिए आभार । मैंने 16-15 की यति का ही प्रयास किया है। फिर भी गणना किस प्रकार से लेना चाहिएकुछ दुविधा सी है। अतः  रचनागत कमियों को थोड़ा इंगित कर देते तो इस छंद में पारंगत होने में मदद मिलती । सादर..

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
14 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
21 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
21 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
21 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
21 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
22 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
23 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
23 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
23 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
23 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
23 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
23 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service