For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय मित्रों !

नमस्कार|

आप सभी का हार्दिक स्वागत है ! 

मूकं करोति वाचालं पङ्गुं लङ्घयते गिरिम् । यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्दमाधवम् ॥

प्रस्तुत चित्र को जरा देखिये तो ! जी हाँ क्या जोरदार फ़ुटबाल मैच चल रहा है परन्तु इसे खेल वह जाबांज रहे हैं जिनकी आँखों में कुछ नया कर दिखाने का जज्बा है .....वाह भाई वाह ! क्या कहने इनकी परवाज़ के..... जबकि पंख तो एकमात्र ही है.....यानी सिर्फ एक ही पांव जिसे इन्हीं के दोनों हाथों का सहारा  मिला हुआ है .......उसी एकमात्र पांव से एक सधी हुई जोरदार किक और फ़ुटबाल सीधा हवा में .....क्या बात है दोस्तों ! अपने एक मात्र पांव के दम पर इन्होनें यह साबित कर दिखाया है कि विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है...... इंसान यदि ठान ले तो क्या नहीं कर सकता....???  हाथ की बैसाखियों के सहारे खेले जा रहे इस खेल में इन्होंने वस्तुतः स्वयं को साध ही लिया है ........इनके इस जज्बे को हमारा सलाम ........

'चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक -९' हेतु आदरणीय गणेश जी बागी द्वारा इस बार सर्वसहमति से ऐसे चित्र का चयन किया गया है जिससे हमें भी कुछ प्रेरणा मिल सकें !

आइये तो उठा लें आज अपनी-अपनी कलम, और कर डालें इस चित्र का काव्यात्मक चित्रण ! 

नोट :-

(1) १७ तारीख तक रिप्लाई बॉक्स बंद रहेगा, १८  से २० तारीख तक के लिए Reply Box रचना और टिप्पणी पोस्ट करने हेतु खुला रहेगा |


 (2) जो साहित्यकार अपनी रचना को प्रतियोगिता से अलग  रहते हुए पोस्ट करना चाहे उनका भी स्वागत हैअपनी रचना को"प्रतियोगिता से अलग" टिप्पणी के साथ पोस्ट करने की कृपा करे 


(3) नियमानुसार "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-८ के प्रथम व द्वितीय स्थान के विजेता श्री संजय मिश्र 'हबीब' जी व श्रीमती वंदना गुप्ता जी इस अंक के निर्णायक होंगे और नियमानुसार उनकी रचनायें स्वतः प्रतियोगिता से बाहर रहेगी |  प्रथम, द्वितीय के साथ-साथ तृतीय विजेता का भी चयन किया जायेगा | 


सभी प्रतिभागियों से निवेदन है कि रचना छोटी एवं सारगर्भित हो, यानी घाव करे गंभीर वाली बात हो, रचना पद्य की किसी विधा में प्रस्तुत की जा सकती है | हमेशा की तरह यहाँ भी ओ बी ओ  के आधार नियम लागू रहेंगे तथा केवल अप्रकाशित एवं मौलिक कृतियां ही स्वीकार किये जायेगें |

 

विशेष :-यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें


अति आवश्यक सूचना :- ओ बी ओ प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता  अंक-९ , दिनांक 18 दिसंबर से 20 दिसंबर की मध्य रात्रि १२ बजे तक तीन दिनों तक चलेगी, जिसके अंतर्गत आयोजन की अवधि में प्रति सदस्य   अधिकतम तीन पोस्ट ही दी जा सकेंगी साथ ही पूर्व के अनुभवों के आधार पर यह तय किया गया है कि  नियम विरुद्ध व निम्न स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये और बिना कोई पूर्व सूचना दिए प्रबंधन सदस्यों द्वारा विलम्ब हटा दिया जायेगा, जिसके सम्बन्ध में किसी भी किस्म की सुनवाई नहीं की जायेगी |


मंच संचालक: अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 11435

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

छन्न पकैया छन्न पकैया, छन्न पुष्प की माला. 

रोज आपसे आशीष पाऊं, छंद बने रसवाला. 

आदरणीय प्रभाकर जी, सौभाग्यशाली हूँ कि ओ बी ओ पर इस नयी विधा को पहली बार जानने व समझने का अवसर मिला| सभी छन्न पकैया बहुत प्रभावशाली बन पड़े है | हमारी ओर से आपको हार्दिक बधाई|

सत्य कहा मित्रवर राही जी ! अपने भाई आदरणीय योगी जी की बात ही कुछ और है !

दिनेश मिश्र "राही" साहिब, मेरे प्रयास को सराहने हेतु आपका दिल से धन्यवाद

आदरणीय shri  योगराज प्रभाकर जी,

आपने हमें न केवल  एक और नयी विधा से परिचित करवाया अपितु इस विधा में सुन्दर रचना भी लिखी| 
प्रतियोगिता कि शुरुवात बड़े शानदार तरीके से कि आपने|
धन्यवाद एवं बधाई|

सत्य वचन  मित्रवर मित्रवर ! अपने भाई आदरणीय योगी जी नें दमदार तरीके से इस प्रतियोगिता का आगाज़ किया है !

दिल से आपका आभार आशीष भाई.

छन्न पकैया-छन्न पकैया, छन्न न कोई शुबहा

अपने योगी उपट के आये, वाह भाई जी वाह वा !!

आदरणीय योगराज भाईसाहब,  लुप्तप्राय अथवा प्राचीन अ-प्रसिद्ध विधाओं को मिलती ’कुरामिन’ हम सभी को आह्लादित ही नहीं उच्च भाव से आप्लावित कर रही है. आपका प्रयास आश्वस्त कर रहा है कि ओबीओ का यह मंच सुगढ़, सबल और संवेदनशील हाथों में है, जहां रचना-धर्मिता मात्र आत्म-प्रदर्शन और मनः रंजन का विषय नहीं बल्कि अपनी साहित्य संस्कृति और विधा-परिपाटियों को सँवारने-साधने का नाम भी है.

आपके उच्च प्रयास और उन्नत काव्य-विधा हेतु आपको सादर बधाई. मैं आपकी कलम को सादर नमन करता हूँ.

छन्न पकैया छन्न पकैया, सौरभ भाई आये,
छंदों में रसधार बही तो फूल खिले मुस्काये. 

छन्न पकैया छन्न पकैया, जोश भरे ले नारे

सादर शुभपरभात कहूँ मैं, सौरभ भाइ पधारे

सुप्रभात भाई जी !

छन्न पकैया छन्न पकैया छन्न की चलती बातें,
दी कपास अब योगी जी ने, आओ सब मिल कातें

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरीराज जी  बहुत बहुत धन्यवाद आपका  सादर "
12 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलक जी  बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीकी से हर बात समझाने के लिए  सुझाव बहुत बेहतर…"
13 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
28 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
38 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय दया राम भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाईयाँ "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय भाई ,  अच्छी ग़ज़ल हुई है , आ. नीलेश भाई की सलाहें भी अच्छीं हैं , ध्यान …"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"वो अकेले में घृणित उदगार भी करते रहे जो दुकाने खोल सबसे प्यार भी करते रहे   नव दवा बीमार का…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीया रिचा जी , खूबसूरत ग़ज़ल  के लिए आपको हार्दिक बधाई "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आ. नीलेश भाई , हमेशा की तरह आपकी एक और अच्छी ग़ज़ल पढ़ने को मिली , ग़ज़ल के लिए आपको बधाई , गिरह …"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जू भाई बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने , हार्दिक बधाई , गिरह का शेर अच्छा लगा , आपको बधाई "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , अच्छी ग़ज़ल कही कही है आपने , और चर्चा और सलाहें भी खूब हुई है , ग़ज़ल के लिए आपको…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आ. अजय जी, मुसहफी के शेर में जिस घटना का वर्णन है वह जल प्रलय की स्थिति पर है जब नूह या नोआ ने अपनी…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service