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’’मन और मन की अवधारणा’’’’मन और मन की अवधारणा’’ (प्रस्तुत प्रसंग ‘मन और मन की अवधारण‘ विभिन्न ज्ञानवाणी व धार्मिक पुस्तको को पढ़ने से जो तत्व सार मैंने ग्रहण किए उ… Started by केवल प्रसाद 'सत्यम' |
0 | Apr 23, 2013 |
!!! सद्गुरू !!!!!! सद्गुरू !!! मैंने मन को नहीं संवारा, प्रारब्ध कर्म नहीं विचारा।जन्म-जन्म से जनम बिगाड़ा, आज भी सोया है इंसान।आज भी सोया है इंसान, मुक्त… Started by केवल प्रसाद 'सत्यम' |
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Apr 17, 2013 Reply by केवल प्रसाद 'सत्यम' |
CREATIONDear friends, the following article requires some orientation to concepts of Advaita Vedanta. In this context, it will help for some of us… Started by vijay nikore |
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Apr 10, 2013 Reply by ASHISH KUMAAR TRIVEDI |
साश्वत सुखआध्यात्मिक क्षेत्र में शून्य होते हुए भी आज कुछ लिखने का सत्प्रयास करने जा रही हूं।विद्वता दिखाने के लिए नहीं,न ही उपदेश देने के लिए बल्कि… Started by Vindu Babu |
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Mar 27, 2013 Reply by Vindu Babu |
ईश्वर और हमहम सभी ईश्वर के बारे में बात करते हैं। बहुत से ईश्वर में विश्वास भी करते हैं। किन्तु क्या कभी भी हम इस बात पर विचार करते हैं की ईश्वर से हम… Started by ASHISH KUMAAR TRIVEDI |
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Mar 25, 2013 Reply by ASHISH KUMAAR TRIVEDI |
आत्मविश्वास एक शक्तिमानवता का इतिहास ऐसे लोगों की कथाओं से भरा है जिन्होंने अपने अदम्य साहस के बल पर वो कर दिखाया जो मनुष्य की क्षमताओं से परे मालूम पड़ता था।… Started by ASHISH KUMAAR TRIVEDI |
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Mar 24, 2013 Reply by ASHISH KUMAAR TRIVEDI |
The Divine Chant ॐTHE DIVINE CHANT ॐ In reference to the Divine Chant ॐ, an esteemed reader commented, "Bet, it's very ha… Started by vijay nikore |
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Mar 20, 2013 Reply by Vindu Babu |
विचारों का प्रभावजिस प्रकार एक स्वस्थ शरीर के लिए संतुलित एवं पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार एक स्वस्थ व्यक्तित्व के लिए सात्विक एवं आशावादी वि… Started by ASHISH KUMAAR TRIVEDI |
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Mar 15, 2013 Reply by ASHISH KUMAAR TRIVEDI |
Human Being IS Divine BeingHuman Being IS Divine Being Sometime ago I attended a spiritual retreat with discourse by Swami… Started by vijay nikore |
0 | Mar 13, 2013 |
भारतीय वाड.मय में अध्यात्मभारतीय वाड.मय में अध्यात्म श्रुति कहती है कि शरीर एक आवरण मात्र है जिसके पीछे एक अरूप, परमस्वतन्त्र एवं अविनाशी सत्ता की चैतन्य उपस्थ… Started by राजेश 'मृदु' |
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Mar 8, 2013 Reply by राजेश 'मृदु' |
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