उस दिन मैं हिन्दी दिवस के एक समारोह में शामिल होने के लिए शेयरिंग कैब में दिल्ली एयरपोर्ट से सिविल लाइंस जा रहा था। कैब में दो और सहयात्री सवार थे। वे दोनों पीछे की सीट पर और मैं फ्रंट सीट पर था। उन दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई तो पता चला एक मद्रासी तो दूसरा राजस्थानी है।
मद्रासी – तुम कहाँ का रहनेवाला है ?
राजस्थानी – आई’m फ़्रोम जयपुर, एंड यू ?
मद्रासी – मैं चेन्नै में रहता। तुम क्या करता है ?
राजस्थानी – आई’m ए एग्जीक्यूटिव इन बैंकिंग…
Posted on October 3, 2016 at 6:44pm — 4 Comments
टिमटिमाते तारे की रोशनी में
मैंने भी एक सपना देखा है ।
टुटे हुए तारे को गिरते देखकर
मैंने भी एक सपना देखा है ।
सोचता हूं मन ही मन कभी
काश ! कोई ऐसा रंग होता
जिसे तन-बदन में लगाकर
सपनों के रंग में रंग जाता ।
बाहरी रंग के संसर्ग पाकर
मन भी वैसा रंगीन हो जाता ।
सपनों से जुड़ी है उम्मीदें, पर
उम्मीदों की उस परिधि को
क्या नाम दूं ? सोचता हूं तो
मन किसी अनजान भंवर में
दीर्घकाल तक उलझ जाता…
ContinuePosted on August 24, 2016 at 10:13pm — 4 Comments
रूपम के हाथों में मेहंदी लग रही थी. दामिनी चाहती थी कि इसके लिए पार्लर से मेहंदी डिजाइनर बुलवा लें, किंतु रूपम ने साफ मना कर दिया था. उसकी जिद्द के आगे दामिनी को झुकना ही पड़ा. मेहंदी, कपड़े, मेक अप इत्यादि के मामलों में रूपम ने अपनी सहेलियों को ज्यादा तरजीह दी थी. अपने वादों के मुताबिक उसकी सहेलियां शादी के चार दिन पहले ही रूपम के घर पहुंच चुकी थी. अपने लहंगे और अन्य कपड़ों की खरीदारी वह नीलिमा के मुताबिक कर रही थी. नीलिमा उसकी बेस्ट फ्रेंड थी जो मुम्बई में रहकर फैशन डिजाइनिंग का कोर्स…
ContinuePosted on November 11, 2015 at 11:21am
सरकारी नौकरी लगते ही रिश्तेवालों की सूची लम्बी हो गई थी. हर दिन एक नए रिश्ते लेकर कोई न कोई उसका घर चला आता था. अपनी मां से जब भी उसकी बातें होती वह लड़की के दादा परदादा से लेकर उसकी जनम कुण्डली तक बखान कर ही दम लेती. हर दिन रिश्ते के नए चेप्टर खुलते, उसके मन में इस बात को लेकर कुतूहल बना रहता था. उसे स्कूल के दिन याद हो आए थे. वहां भी हर रोज नए चेप्टर खुलते और नई-नई जानकारी मिलती थी. बात कुछ वैसी ही यहां पर भी उसके साथ हो रही थी. यहां भी हर रोज…
ContinuePosted on September 26, 2015 at 10:23pm — 4 Comments
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आपकी मित्रता का हार्दिक स्वागत है, आदरणीय गोविन्द जी
सादर!
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर said…
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