For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Views: 329

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 20, 2015 at 9:49pm

आदरणीया प्रतिभा जी,  हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 20, 2015 at 9:49pm

आदरणीया डॉ प्राची जी हार्दिक आभार 

Comment by pratibha pande on August 20, 2015 at 8:17pm
मै आज बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ कि इस मंच के माध्यम से आपको रचनाकार के रूप में जानने का मौका तो मिला ही और आज ये उपलब्धि ,आपको ढेरों बधाई और शुभ कामनाएँ

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 20, 2015 at 6:37pm

वाह! इस शुभ काम और उपलब्धि के लिए हृदय से बधाईयाँ आ० मिथिलेश भाई जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 20, 2015 at 5:08pm

आदरणीय विजय निकोर सर, हार्दिक आभार, नमन 

Comment by vijay nikore on August 20, 2015 at 4:49pm

 बहुत, बहुत बधाई इस सफ़लता के लिए। भविष्य में आपको और सफ़लता मिलती रहे।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 20, 2015 at 4:31pm

ये सुखद पल मंच पर आगमन के पूर्व का ही है लेकिन मंच पर आज साझा कर रहा हूँ. आदरणीय नीरज जी और आदरणीया सीमा जी आपकी बधाई हेतु हृदय से बहुत बहुत आभारी हूँ. आदरणीय सौरभ सर, आदरणीय सुशील सरना सर और आदरणीय गिरिराज सर आपके स्नेह और आशीर्वाद हेतु नमन.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 20, 2015 at 4:24pm

क्या बात है ,आ. मिथिलेश भाई , इस सफलता के लिये आपको हार्दिक बधाई । आप और क्या क्या योग्यतायें छिपा कर रखें है भाई जी  । बधाई बधाई बधाई ।

Comment by Seema Singh on August 20, 2015 at 4:14pm
इस उपलब्धि के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ मिथिलेश जी।
Comment by Sushil Sarna on August 20, 2015 at 3:43pm

ये तो  बहुत ही हर्ष की बात है   .... हार्दिक हार्दिक बधाई आदरणीय जी। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
2 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
13 hours ago
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service