For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दैनिक जागरण में नवगीत को लेकर छपी रपट

आज दिनांक 14/ जनवरी/ 2015 को मकरसंक्रान्ति पर्व की पूर्व संध्या पर 'दैनिक जागरण' के सौजन्य से छपे लेख की मिली इस सूचना से मन उत्साहित है.. .

फिर-फिर पुलकें उम्मीदों में.. कुम्हलाये-से दिन !

Views: 461

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 15, 2015 at 8:07pm

आदरणीय सौरभ सर, रपट की इमेज साफ़ नहीं होने कारण मैंने इस रपट को दैनिक जागरण के लखनऊ एडिसन के ई-पेपर में ऑनलाइन पढ़ा उसी में text स्वीच लिंक होता है उसी से कन्वर्ट कर यहाँ पोस्ट कर दिया ताकि सभी लोग पढ़ सके. सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 15, 2015 at 1:47pm

आदरणीय गिरिराजभाईजी,आपकी शुभेच्छाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 15, 2015 at 12:48pm

आदरणीय विजय शंकरजी, आपकी शुभकामनाओं के लिए आभारी हूँ.

इस पोस्ट को कल सुबह-सुबह ही, यानि जब मुझे इसकी सूचना मिली थी, अपलोड करना चाहता था. लेकिन कल दिन भर नेट धोखा देता रहा, या क्या हुआ था पता नहीं, ओबीओ पर यह फ़ाइल अपलोड ही नहीं हो पा रहा था, और देर शाम गये आपसबों से इसे साझा कर पाया.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 15, 2015 at 12:44pm

आदरणीया आशाजी, आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदयतल से धन्यवाद.
मेरा कुछ कहा हुआ यदि प्रासंगिक हुआ, तो यह इस मंच की ही प्रतिष्ठा है.
सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 15, 2015 at 12:41pm

आदरणीय गोपाल नारायनजी, आपकी शुभकामनाओं से मन आप्लावित हुआ.
आदरणीय, साक्षात्कार ही था. किन्तु इसके प्रकाशन या कलेवर पर अपना तो कोई बस नहीं न. दैनिक जागरण मेरे अलावे नवगीत विधा से सम्बन्धित चार और सुधीजनों  --कुमार रवीन्द्र, पूर्णिमा बर्मन, चेक गणराज्य के डॉ. वाग्नेर तथा रोहित रूसिया--  के साक्षात्कार की व्यवस्था की थी. देखिये, उनसे सम्बन्धित साक्षात्कार कब तक प्रकाशित हो पाते हैं. संभवतः उनके भी साक्षात्कार का भी यही प्रारूप हो.
सादर

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 15, 2015 at 12:32pm

पुनश्च

ज्ञात हुआ कि यह आलेख नहीं साक्षात्कार था i  मगर इसे साक्षात्कार रूप में प्रकशित भी करते तो और आनंद आता  i साक्षात्कार में इतने सधे  और बेबाक उत्तर देने के के लिये  आदरणीय को पुनः बधाई i  सादर सौरभ जी  i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 15, 2015 at 12:17pm

आ० सौरभ जी

जागरण में प्रकाशित आपका लेख पढा i  बहुत ही सुन्दर आलेख है i  आपका यश ऐसे ही निरंतर बढे i सादर i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 15, 2015 at 8:20am

आदरणीय सौरभ भाई , दैनिक जागरण में नवगीत पर आपके इस लेख को देख बहुत खुशी हुई , आपको बहुत बहुत बधाइयाँ ।

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 15, 2015 at 4:58am
आदरणीय सौरभ पांडे जी , शुभ कामनाएं , सादर अभिनन्दन ,
आपसे और भी बनी रहेंगीं आशाएं …
Comment by asha pandey ojha on January 15, 2015 at 12:18am

आदरणीय सौरभ जी भाई साहब आपका यह साक्षात्कार नवगीत के स्वरूप पर सम्पूर्ण रूप से, हर दिशा दृष्टि से, प्रकाश डाल रहा है. नवगीत लेखन में उतरी नवपीढी के लिए यह उपयोगी सिद्ध होगा ,, मेरा अभिवादन स्वीकारें ..नमन आपकी कलम को

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
10 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
21 hours ago
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service