दोनों भाई हैं, ओ बी ओ परिवार के हैं, एक व्यंग और लघुकथा में माहिर तो दूजे ग़ज़ल और छंद विधा विशेषज्ञ.
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Albums: OBO परिवार का मिलन
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बड़े भैया तो सौरभ दादा से लगे हैं ? छुटन भैया को नहीं पहचाना
ओ बी ओ के राम लखन! मोहक बालस्वरूप !
अहा! दुर्लभ चित्रदर्शन! अभिनन्दन!
पहले तो हम चौंके कि ये फोटो यहाँ आया कैसे ! फिर तो सारी बातें खुलते गयीं ..
ये मेरे दोनों अनुजों का कमाल है .. . :-))
अरे इन्हें कौन नहीं पहचानेगा सौरभ जी और शुभ्रांशु जी
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