वक्त वक्त की बात है
वक्त तो बदल जायेंगे..
गर वक्त ने दिए हैं जखम
तो वक्त के साथ ही भर जायेंगे...…
Posted on September 21, 2012 at 8:58pm — 1 Comment
सिपाही, दूर घर से खड़ा सीमा पर..
अपनी मातृभूमि की रक्षा को...
जो समर्पित है चिर काल से..
अपने देश के लिए अर्पण को..
सिपाही, जिसका घर सीमा पर बनी चौकियां हैं..
सिपाही, जिसका परिवार उसके साथ खड़े भाई हैं..
सिपाही, जो सर्द रातों में भी थकता नहीं है...
सिपाही, जो जेठ की दुपहरी में भी रुकता नहीं है...
वो सिपाही, जिसके लिए तिरंगा उसकी शान है...
सिपाही, जिसके लिए राष्ट्र, उसकी जान है...
सिपाही, जो छोड़ता नहीं…
ContinuePosted on September 21, 2012 at 6:30pm — 5 Comments
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Comment Wall (2 comments)
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सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर said…
हरविंदर जी सत श्री अकाल , आपके स्नेहिल भाव की मै तहेदिल से कद्र करता हूँ,बहुत बहुत साधुवाद .....लोकेश