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Kamal purohit
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Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
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"ख़ुश रहो ।"
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Samar kabeer and Kamal purohit are now friends
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Kamal purohit commented on Samar kabeer's blog post ग़ज़ल :- हज़रत-ए-'मीर' की ज़मीन में
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Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-130
"जी बहुत खूब लिखा आदरणीय लक्ष्मण धामी जी"
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चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
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Profile Information

Gender
Male
City State
Kolkata
Native Place
Rajasthan
Profession
Stock dealer

ग़ज़ल

भले ही जहाँ ने ये माना नहीं है।
कोई पर मेरे यार जैसा नहीं है।

बता तो दिया है ज़माने को लेकिन,
असर क्यों मुहब्बत का दिखता नहीं है।

यूँ शर्म ओ हया की न बातें करो तुम,
अगर इन निगाहों पे पर्दा नहीं है।

नुमाइश की आदत तुम्हें होगी शायद,
मुझे करना आता दिखावा नहीं है।

कहानी में कुछ तो नयापन भी लाओ
पुराना सा किस्सा सुनाना नहीं है।

अगर खोने पाने की चिंता न हो तो,
किसी बात का फ़र्क पड़ता नहीं है।

ख़ुदा ने हमें ख़ुद की ख़ुशी से नवाज़ा
हुजूर आपने क्यों ये माना  नहीं है।

हमेशा अलग था "कमल" तू जहाँ से,
मगर क्यों समझ तू ये पाया नहीं है।

अप्रकाशित और मौलिक

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At 10:39am on April 9, 2024, Erica Woodward said…

I need to have a word privately, please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com) Thanks.

At 12:25pm on July 6, 2022, Samar kabeer said…

ख़ुश रहो ।

 
 
 

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