For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Khan Hasnain Aaqib
  • Male
  • Maharshtra
  • India
Share on Facebook MySpace

Khan Hasnain Aaqib's Groups

 

Khan Hasnain Aaqib's Page

Latest Activity

Khan Hasnain Aaqib replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117
"बहोत खूब गझल कही रचना जी.. मुबारकबाद स्विकार करें"
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117
"रचना जी, आप का भी शुक्रिया के आप ने पसंद फरमाया.."
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117
"जी जनाब, बहोत शुक्रिया, taqabul के ऐब से मैं भी परहेज करता हूं लेकिन ये गझल फिल बदीह हुई थी इसलिए नजर ए सानी का मौका नहीं मिला. बहोत शुक्रिया"
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117
"बहोत शुक्रिया जनाब ए आली "
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117
"बेह्तरीन गझल, मतला से मक्ता तक, हर शेर मानवियेत से भरपूर "
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117
"खूब है जनाब "
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117
"बहोत उम्दा गझल कही है आपने, मतला तो ख़ास तौर पर दाद के क़ाबिल.. बहोत मुबारक बाद "
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117
"गझल  वक़्त बदले तो हर एक ज़ेर ज़बर  बनता है आम को चूस के खाना भी ख़बर बनता है। मुद्दतें लगती हैं, सीपी में गुहर बनता है  देर से ही सही आकिब ये मगर बनता है।  घर की तामीर में होती है मुहब्बत पिनहाँ कौन कहता है कि दीवारों से घर…"
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117
"गझल  वक़्त बदले तो हर एक ज़ेर ज़बर  होता है आम को चूस के खाना भी ख़बर होता है। मुद्दतें लगती हैं, सीपी में गुहर बनता है  देर से ही सही आकिब ये मगर बनता है।  घर की तामीर में होती है मुहब्बत पिनहाँ कौन कहता है कि दीवारों से…"
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib updated their profile
Mar 27, 2020
Khan Hasnain Aaqib commented on Usha Awasthi's blog post हिन्दी सी भला मिठास कहाँ?
"बहोत खूब उषा जी.. हिंदी सी मिठास कहाँ.. पूरी कविता एहसास को अधोरेखित करती है"
Mar 27, 2020

Profile Information

Gender
Male
City State
Maharashtra
Native Place
AKOLA
Profession
Teacher Educator
About me
I am a poet, writer and translator

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:13pm on March 20, 2013, बृजेश नीरज said…

Welcome!

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Nov 17

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service