For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rakhee jain
Share on Facebook MySpace

Rakhee jain's Friends

  • Samar kabeer

Rakhee jain's Groups

 

Rakhee jain's Page

Latest Activity

Samar kabeer and Rakhee jain are now friends
Jan 30, 2023
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"212/212/212/212 चाहिए और क्या ज़िंदगी के लिए आदमी चार हों रुख़सती के लिए कौन है ये बताओ ज़रा सोचकर आदमी से बुरा आदमी के लिए दिल से निकले है वो चीरकर दर्द को है लहू लाज़मी शायरी के लिए इश्क़ तूने बनाया जुआरी मुझे हारना दिल पड़ा आशिक़ी के…"
Jan 28, 2023
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी हार्दिक आभार आपका सादर नमस्कार आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी आदरणीय दिल से शुक्रिया आपका मैं सुधार करती हूंमार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आपका"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी वाह बहुत सुंदर ग़ज़ल हुई है आदरणीय बधाई स्वीकार कीजिए"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी दिल से शुक्रिया आपका आदरणीया"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"मेरे भावों का शब्दों से कोई रिश्ता नहीं रहता अजब मां हूं कोई बच्चा मेरा ज़िंदा नहीं रहता कृपया इसे भी देखिएगा "
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय  गिरह फिर से कहने की कोशिश करती हूं कृपया देखिएगा मेरा होकर भी मेरी गोद का हिस्सा नहीं रहता अजब मां हूं कोई बच्चा मेरा ज़िंदा नहीं रहता"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी हार्दिक आभार आपका आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी हृदय से आभार आपका आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी क्या कहने हर एक शेर बेहद ही खूबसूरत बधाई स्वीकार कीजिए खास कर दूसरा और चौथा शेर लाजवाब तीसरे शेर में "नादानियां" की जगह "गुस्ताखियां"पर विचार कीजिएजहां तक मेरी समझ है  सादर"
Dec 28, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"बेहद खूबसूरत गिरह कोई रिश्ता किसी भी हाल में कभी तन्हा नहीं रहता  बेहद ही खूब आदरणीय बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिए"
Dec 28, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी वाह बहुत सुंदर गिरह आदरणीय बधाई स्वीकार कीजिए"
Dec 28, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी वाह सुंदर प्रयास आदरणीया बधाई स्वीकार कीजिए"
Dec 28, 2022

Profile Information

Gender
Female
City State
Indore
Native Place
Indore
Profession
Housewife

Rakhee jain's Blog

3 (गज़ल) रात भर

फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन

बह्र - 212 212 212 212

गीत बुलबुल सुनाती रही रात भर

दिलरुबा को रिझाती रही रात भर

भाव ही नींद खाती रही रात भर

उसको मैं बस मनाती रही रात भर

ज़िंदगी से सुना गीत जो सारा दिन

उसको मैं गुनगुनाती रही रात भर

उनकी दिलकश अदा और दीवानगी

सोच मैं मुस्कुराती रही रात भर

तेरी पहली छुअन याद करके सनम

मन ही मन मैं लजाती रही रात भर

चाँद तकने दिया भूख ने कब…

Continue

Posted on November 27, 2022 at 3:00pm — 5 Comments

आवाज़ देती हैं ( ग़ज़ल)

मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन

1222/1222/1222/1222

कहीं भी जाइए रूस्वाइयाँ आवाज़ देती हैं

बुरे कर्मों की सब परछाइयाँ आवाज़ देती हैं

 कभी चिड़िया कभी गुड़िया कभी लख़्त-ए-जिगर कहकर

मुझे रस्मों की सब मजबूरियाँ आवाज़ देती हैं

बुलंदी पर पहुँचता है जो कोई अपनी मिहनत से 

जहाँ भर की उसे शाबाशियाँ आवाज़ देती हैं

भले ही आज होती हैं समानधिकार की बातें

लगी सदियों की सब पाबंदियाँ आवाज़ देती…

Continue

Posted on November 20, 2022 at 5:00pm — 4 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:21am on April 9, 2024, Erica said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com) Thanks.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

देवता चिल्लाने लगे हैं (कविता)

पहले देवता फुसफुसाते थेउनके अस्पष्ट स्वर कानों में नहीं, आत्मा में गूँजते थेवहाँ से रिसकर कभी…See More
1 hour ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय,  मिथिलेश वामनकर जी एवं आदरणीय  लक्ष्मण धामी…"
3 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Wednesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service