For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Roli Pathak
  • Bhopal, M.P.
  • India
Share on Facebook MySpace

Roli Pathak's Friends

  • rajendra kumar
  • raj jalan
  • shekhar jha`
  • Abhay Kant Jha Deepraaj
  • Azeez Belgaumi
  • Akshay Thakur " परब्रह्म "
  • TK SHRIVASTAVA
  • Sachchidanand Pandey
  • Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह
  • आशीष यादव
  • Manoj Kumar Jha
  • Krishna Kant Pandey
  • Ratnesh Raman Pathak
 

Roli Pathak's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
Bhopal Madya Pradesh
Native Place
Jabalpur
Profession
Advocate
About me
I hv done B.A.LL.B. and PG Diploma in Journalism.

Roli Pathak's Blog

वीरगति.....

सन्नाटे की साँय-साँय

झींगुर की झाँय-झाँय

सूखे पत्तों पे कीट की सरसराहट

दर्जनों ह्रदयों की बढाती घबराहट

हरेक मानो मौत की डगर पर...

चलने को अग्रसर...

पपडाए होंठ सूखा हलक

ज़िन्दगी नहीं दूर तलक

चाँद की रौशनी भी

हो चली मद्धम जहाँ..

ऐसे मौत के घने जंगल हैं यहाँ,

हाथ में बन्दूक,ऊँगली घोड़े पर

ह्रदय है विचलित पर स्थिर है नज़र..

ना जाने और कितनी साँसें लिखी हैं तकदीर में..

एक बार फिर तुझे देख लूं तस्वीर में..

जेब को अपनी… Continue

Posted on November 2, 2010 at 11:00pm — 3 Comments

दो बैल...

कल मर गया

किशनु का बूढा बैल,

अब क्या होगा...

कैसे होगा...

चिंतातुर,सोचता-विचारता

मन ही मन बिसूरता

थाली में पड़ी रोटी

टुकड़ों में तोड़ता

सोचता,,,बस सोचता...

बोहनी है सिर पर,

हल पर

गडाए नज़र,

एक ही बैल बचा...

हे प्रभु,

ये कैसी सज़ा...!!!

स्वयं को बैल के

रिक्तस्थान पे देखता..

मन-ही-मन देता तसल्ली

खुद से ही कहता,

मै ही करूँगा...हाँ मै ही करूँगा...

बैल ही तो हूँ मै,

जीवन भर ढोया बोझ,

इस हल का भी… Continue

Posted on November 2, 2010 at 2:00pm — 3 Comments

Comment Wall (6 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:41am on November 17, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 10:55pm on November 14, 2010,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…

At 2:39am on November 4, 2010, Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह said…
स्वागत है रोली ... ओपन बुक नयी जगह है तुम्हारे लिए पर तुम्हारा साहित्य से नाता पुराना है , सो कोई परेशानी नहीं आने वाली है ... :)
At 10:48pm on November 2, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 5:38pm on November 2, 2010, Admin said…

At 5:22pm on November 2, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल में कुछ दोष आदरणीय अजय गुप्ता जी नें अपनी टिप्पणी में बताये। उन्हे ठीक कर ग़ज़ल पुन: पोस्ट कर…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय निलेश नूर जी, आपकी ग़ज़ल का मैं सदैव प्रशंसक रहा हूँ। यह ग़ज़ल भी प्रशंसनीय है किंतु दूसरे…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी, पोस्ट पर आने और सुझाव देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। बशर शब्द का प्रयोग…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्ते ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई। अच्छे भाव और शब्दों से सजे अशआर हैं। पर यह भी है कि…"
4 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई आपको  अच्छे मतले से ग़ज़ल की शुरुआत के लिए…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रास्ता  घर  का  दूसरा  तो  नहीं  जीना मरना अलग हुआ तो…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"2122 1212 22 दिल को पत्थर बना दिया तो नहीं  वो किसी याद का किला तो नहीं 1 कुछ नशा रात मुझपे…"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल अंत आतंक का हुआ तो नहींखून बहना अभी रुका तो नहीं आग फैली गली गली लेकिन सिर फिरा कोई भी नपा तो…"
7 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार नीलेश भाई, एक शानदार ग़ज़ल के लिए बहुत बधाई। कुछ शेर बहुत हसीन और दमदार हुए…"
8 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार जयहिंद रायपुरी जी, ग़ज़ल पर अच्छा प्रयास हुआ है। //ज़ेह्न कुछ और कहता और ही दिलकोई अंदर मेरे…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ज़िन्दगी जी के कुछ मिला तो नहीं मौत आगे का रास्ता तो नहीं. . मेरे अन्दर ही वो बसा तो नहीं मैंने…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी आयोजन का उद्घाटन करने बधाई.ग़ज़ल बस हो भर पाई है. मिसरे अधपके से हैं…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service