For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sushil Kumar Verma
  • Maharajganj, Uttarpradesh
  • India
Share on Facebook MySpace

Sushil Kumar Verma's Friends

  • K.Kumar
 

Sushil Kumar Verma's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Maharajganj
Native Place
Gorakhpur
Profession
Student
About me
I am a Hindi poet

Sushil Kumar Verma's Blog

ताकत कलम की

हे भारत के वीर युवाओं,

कर लो नमन माँ सरस्वती को,

दिखा दो ताकत दुनियाँ को,

कितनी शक्ति है तेरे कलमों में!!

कोई बाँट ना पाये हमको,

ऐसा इतिहास लिखो युवाओं,

हर घर में वीर जन्मा है,

बस कोई उन्हें जगा दो!!

तलवार नहीं अपनी-अपनी कलम उठाओ,

देश में ऐसा क्रान्ति लाओ,

लूटेरे और भ्रष्टाचारियों को,

अपनी कलम की ताकत दिखा दो!!

कलम की ताकत को समझ लो युवाओं,

ये बिन चिंगारी के भी आग जलाती है,

देश के गद्दारों और दुश्मनों को, …

Continue

Posted on January 21, 2018 at 12:00pm — 1 Comment

शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के

शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के,

मौसम ने यूं पलट खाया,

शीतल हो उठा कण-कण धरती का,

कोहरे ने बिगुल बजाया!!



हीटर बने हैं भाग्य विधाता,

चाय और कॉफी की चुस्की बना जीवनदाता,

सुबह उठ के नहाने वक्त,

बेचैनी से जी घबराता!!



घर से बाहर निकलते ही,

शरीर थरथराने लगता,

लगता सूरज अासमां में आज,

नहीं निकलने का वजह ढूढ़ता!!



कोहरे के दस्तक के आतंक ने,

सुबह होते ही हड़कंप मचाया,

शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के

मौसम ने यूं पलटा…

Continue

Posted on November 17, 2017 at 10:00am — 4 Comments

देश के भविष्य

तु देश का भविष्य है,

ऐ कैसा तेरा भेष है,

जिस कंधों पर होना चाहिए बस्ता,

उस कंधों पर कितना बोझ है !!



तु उन चारदीवारों से क्यों दूर है,

शिक्षा की मन्दिर से कहां गुम है,

जिस हाथ में होना चाहिए कलम,

उस हाथ को चाय बेचने का काम है !!



ज़िन्दगी का अध्ययन का पल तुमसे क्यों दूर है,

आखिर तू भी उसी अल्लाह का नूर है,

जिस आंखों में होना चाहिए ख्वाब,

उन आँखों में दर्द आंसूओं का सैलाब है !!



सरकार और परिवार चुप क्यों है,

ये बच्चे… Continue

Posted on November 12, 2017 at 9:33am — 7 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service