For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Taj mohammad
  • Male
  • Lucknow, Utter pradesh
  • India
Share on Facebook MySpace
 

Taj mohammad's Page

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Taj mohammad's blog post सब ही शरीफ हो गए।
"आदरणीय ताज मोहम्मद जी वैसे तो आपने लिखा नहीं है कि आपकी रचना ग़ज़ल है लेकिन फ़ॉर्मेट से लगता है कि प्रयास ग़ज़ल कहने का हुआ है.रचना ग़ज़ल के मानकों पर बहर. कहन और क़ाफ़िया में नाकाम हो रही है.इन विषयों पर बहुत सामग्री मंच पर लिनक्स में उपलब्ध है.अध्ययन…"
Jul 1, 2023
Taj mohammad posted a blog post

सब ही शरीफ हो गए।

अपने ही घर में देखो आज हम ज़लील हो गए।तोहमतें लगाकर हम पर सब ही शरीफ़ हो गए।।1।।पता ही ना चला वक्त मेरी बर्बादी का मुझको।मेरे अपने ही दुश्मनों के कितने करीब हो गए।।2।।जो हमारी ज़िन्दगी के थे सब राजदार कभी।वह सब धीरे-धीरे मेरे ही देखो रक़ीब हो गए।।3।।जो ना गए थे छोड़कर हमको यूँ वफ़ादारी में।वो सब के सब ही मेरी तरह बदनसीब हो गए।।4।।बचने की कोई गुंजाइश ना थी बेबस थे बड़े।मेरे अल्फ़ाज़ ही मेरे खिलाफ जब दलील हो गए।।5।।बड़ी मेहनत थी उनकी कैद में पढ़ने लिखनें में।फंसे थे जो कानून के चंगुल में वो वकील हो…See More
Jul 1, 2023
Taj mohammad updated their profile
Jun 30, 2023
Taj mohammad is now a member of Open Books Online
Jun 30, 2023

Profile Information

Gender
Male
City State
Lucknow
Native Place
Lucknow
Profession
Real estate
About me
मैं बस ऐसे ही अपने लिए लिखा करता हूं मुझे हिंदी अंग्रेजी के अलावा कोई भाषा नही आती। बस आप सबको पढ़ पढ़कर सीखने की कोशिश कर रहा हूं।

Taj mohammad's Blog

सब ही शरीफ हो गए।

अपने ही घर में देखो आज हम ज़लील हो गए।

तोहमतें लगाकर हम पर सब ही शरीफ़ हो गए।।1।।



पता ही ना चला वक्त मेरी बर्बादी का मुझको।

मेरे अपने ही दुश्मनों के कितने करीब हो गए।।2।।



जो हमारी ज़िन्दगी के थे सब राजदार कभी।

वह सब धीरे-धीरे मेरे ही देखो रक़ीब हो गए।।3।।



जो ना गए थे छोड़कर हमको यूँ वफ़ादारी में।

वो सब के सब ही मेरी तरह बदनसीब हो गए।।4।।



बचने की कोई गुंजाइश ना थी बेबस थे बड़े।

मेरे अल्फ़ाज़ ही मेरे खिलाफ जब दलील हो… Continue

Posted on June 30, 2023 at 9:01pm — 1 Comment

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:14am on April 9, 2024, Erica said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com) Thanks.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service