For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

akhilesh mishra
Share on Facebook MySpace

Akhilesh mishra's Friends

  • SUMAN MISHRA
  • Pankaj Trivedi

akhilesh mishra's Groups

 

akhilesh mishra's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
chhattisgarh
Native Place
rewa mp
Profession
service
About me
poet

Akhilesh mishra's Blog

सूरज

सूरज

 

जब छाए मन में निराशा,

तब सोचो उस सूरज को,

जो रोज डूबता है पर,

उगता फिर नई सुबह है ।

 

नई ऊर्जा ,नए उत्साह से,

बाँटता है खुशी अपनी,

मिट जाए दुनिया का अंधकार,

प्रकाश इसीलिये फैलाता है ।

 

तेज आभा ,प्रसन्न मुख ,

मजबूती की शिक्षा देते हैं,

खड़े हो जाओ,डटकर के,

कर्म का पाठ पढ़ाता है ।

 

न हारो और न रुको…

Continue

Posted on February 10, 2014 at 1:00pm — 7 Comments

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना

 

 

उन्मुक्त हो मुक्त गगन में,

छेड़ू मैं कोई तान प्यारी,

मधुर रस भरी प्रेम की,

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना ।

 

गाएँगे सब पशु-पक्षी ,

आ जायेंगे तुम्हारे साथी भी,

बहेगी निःस्वार्थ प्रेम की गंगा,

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना ।

 

भक्ति रस घुलेगा हवाओं में,

पहुँचेगा वृंदावन की गलियाँ,

नाचेगी सब गोपियाँ वहाँ…

Continue

Posted on May 10, 2013 at 6:00pm — 18 Comments

सरकारी नौकरी

सरकारी नौकरी

 

 

काश दो दिन दफ़्तर लगता ,

होती छुट्टी पाँच दिन,

खाते खेलते,सोते घर में

मौज मनाते पाँच दिन ।

 

बच्चे रोते भाग्य पर,

पर पत्नी खुश हो जाती,

हाथ बटाएगा काम में,

यह सोच मंद मुस्कुराती।

 

आ जाती तनख्वाह एक…

Continue

Posted on April 26, 2013 at 12:45pm — 10 Comments

भूत को क्यों याद करूँ

भूत को क्यों याद करूँ

 

क्यों याद करूँ भूत को,

क्या दिया,

क्या सोचा था मेरे बारे में,

क्या रखा था भविष्य के लिए,

क्या अच्छा किया की,भूत को,

मैं याद करूँ ।

 

देखूंगा अपने भविष्य को,

सोचूंगा अपने भविष्य को,

कर्म करूँगा भविष्य के लिए,

संघर्ष करूँगा जीवन में,

सफल बनूँगा भविष्य में,भूत को क्यों,

मैं याद…

Continue

Posted on April 18, 2013 at 10:30am — 6 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी * दादा जी  के संग  तो उमंग  और   खुशियाँ  हैं, किस्से…"
11 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   देवों की है कर्म भूमि, भारत है धर्म भूमि, शिक्षा अपनी…"
12 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
Monday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service