For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना

 

 

उन्मुक्त हो मुक्त गगन में,

छेड़ू मैं कोई तान प्यारी,

मधुर रस भरी प्रेम की,

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना ।

 

गाएँगे सब पशु-पक्षी ,

आ जायेंगे तुम्हारे साथी भी,

बहेगी निःस्वार्थ प्रेम की गंगा,

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना ।

 

भक्ति रस घुलेगा हवाओं में,

पहुँचेगा वृंदावन की गलियाँ,

नाचेगी सब गोपियाँ वहाँ ,

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना ।

 

जग जायेंगे योगी ध्यान से,

करेंगे भक्ति का मद पान ,

मदहोश करके सबको,

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना ।

 

प्रेम फैले इस जहाँ में,

टूट जायें दीवारें  सब,

झूमें सब तुम्हारे प्रेम में,

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना ।

 

एक दूसरे से प्रेम हो,

लगाव हो, जुड़ाव हो,

मिलकर गायें भक्ति का गीत,

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना ।

 

क़ृष्ण तुम बंसी बजाना ।

Views: 887

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by akhilesh mishra on May 14, 2013 at 3:23pm

परम आदरणीय पाण्डेय जी,मैंने छह महीने पहले से लिखना चालू किया हूँ ।इससे पहले मैंने एक शब्द भी कहीं नहीं लिखा था ।आपके मार्गदर्शन में लिखने से जरूर सुधार  आएगा ,ऐसी मेरी उम्मीद है ।सुभेच्छा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ,सर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 14, 2013 at 11:17am

आपके लेखन तथा आपकी लेखकीय संभावनाओं के आलोक में बहुत कुछ दख रहा है जिसके निर्वहन का दायित्व आप पर ही है, भाई अखिलेशजी. शुभेच्छाएँ

Comment by akhilesh mishra on May 14, 2013 at 11:05am

बहुमूल्य सुझाव के लिए आदरणीय बृजेश नीरज जी को बहुत-बहुत धन्यवाद ।मैं लिखने में नया हूँ इसलिए ऐसे सुझाओं कि बड़ी आवश्यकता है ।भविष्य की रचनाओं में ध्यान रखूँगा ।

Comment by बृजेश नीरज on May 13, 2013 at 11:47pm

कृष्ण का नाम ही ऐसा है कि सुन के मन मस्त हो जाता है। उनकी लीलायें अपरंपार हैं। तभी भक्त बारबार उनसे उत्कंठा के साथ लीला रचने की प्रार्थना करता है। बहुत सुन्दर प्रयास आपका। बधाई आपको।
एक निवेदन कि यदि आपकी रचना मात्रा गणना करके लिखी जाती तो इसकी सुन्दरता और भी अधिक होती।
इस मंच पर भारतीय छंद विधान समूह के लेखों को पढ़ें।
सादर!

Comment by akhilesh mishra on May 13, 2013 at 4:47pm

धन्यवाद लड़ीवाला जी । 

Comment by akhilesh mishra on May 13, 2013 at 4:46pm

बहुत बहुत धन्यवाद कुशवाहा साहब हौशला अफजाई के लिए ।

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 13, 2013 at 4:40pm

राधे राधे 

सुन्दर 

सादर बधाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 13, 2013 at 2:28pm

एक दूसरे से प्रेम हो,

लगाव हो, जुड़ाव हो,

मिलकर गायें भक्ति का गीत, - सुन्दर रचना के माध्यम से अच्छा सन्देश बधाई अखिलेश जी 

Comment by akhilesh mishra on May 13, 2013 at 10:51am

मैडम शलिनी कौशिक जी,भाई केवल प्रसाद जी,मैडम कविता वर्मा जी हौशला बढ़ाने के लिए धन्यवाद ।

Comment by akhilesh mishra on May 13, 2013 at 10:50am

भाई श्याम नारायण वर्मा जी सादर आभार ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"दोहे******करता युद्ध विनाश है, सदा छीन सुख चैनजहाँ शांति नित प्रेम से, कटते हैं दिन-रैन।१।*तोपों…"
56 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
58 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"स्वागतम्"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , आपका चुनाव अच्छा है , वैसे चुनने का अधिकार  तुम्हारा ही है , फिर भी आपके चुनाव से…"
20 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"एक अँधेरा लाख सितारे एक निराशा लाख सहारे....इंदीवर साहब का लिखा हुआ ये गीत मेरा पसंदीदा है...और…"
20 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"//मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक अलग तह बन के रहती है// मगर.. मलाई अपने आप कभी दूध से अलग नहीं होती, जैसे…"
23 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय जज़्बातों से लबरेज़ अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। मतले पर अच्छी चर्चा हो रही…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"बिरह में किस को बताएं उदास हैं कितने किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितने सादर "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"सादर नमन सर "
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi updated their profile
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब.दूध और मलाई दिखने को साथ दीखते हैं लेकिन मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service