Added by amita tiwari on March 4, 2021 at 8:30pm — 1 Comment
ये जो है लड़की
हैं उसकी जो आँखे
हैं उनमें जो सपने
जागे से सपने
भागे से सपने
सपनों में
पंख
पंखों में
परवाज
बंद खामोशी में पुरज़ोर आवाज
आवाज़ में
वादा
बहुत सच्चा, बहुत सीधा -बहुत सादा
कि
मुझे आसमान दे दो
छोटा सही इक जहान दे दो
बदले में देती हूँ वादा
कि अकेली आसमान नहीं ओढ़ूँगी
ओढ़ ही नहीं पाऊँगी
ऐसी ही बनी हूँ मैं
स्वंय को छोड़ ही नहीं…
ContinueAdded by amita tiwari on March 3, 2021 at 10:00pm — 2 Comments
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