होली गीत
अर र र र देखो सखी तो पूरी लाल हुई
रंग ना गुलाल मै तो शर्म से लाल हुई।
पीर ना दहन मोरे तन मन में आग लगी -2
चाम ना वसन जले मै तो जल लाल हुई।
रंग ना-------------
ले के रस रंग चली देवरों की टोली - 2
घेर घेर घेर मई तो जय कन्हैया लाल हुई।
रंग ना -------------
आज तो बाबा भी करे हैं ठिठोली - 2
लाज की चुनर ओढ़ मै हँस हँस निहाल हुई।
रंग ना…
ContinueAdded by mrs manjari pandey on March 17, 2013 at 11:07pm — 9 Comments
रंग गई रंग गई हे री सखी
मैं तो फाग के रंग में रंग गई।
1 - रंग ना गुलाल मै तो शर्म से लाल हुई
पिया घर आये मै आप गुलाल हुई
छेड़ो न छेड़ो न हे
मोहे छेड़ो न छेड़ो न छेड़ो सखी
मै तो अपने पिया रंग रंग गई।
रंग गई .........................
2 - धानी चुनर सरक सरक जाय रही
कान्हे से माथे की दौड़ लगाय रही
पकड़ो न पकड़ो न हे
अरे पकड़ो न पकड़ो न हे री सखी
मैं अपने पिया संग हो ली।
रंग गई…
ContinueAdded by mrs manjari pandey on March 11, 2013 at 12:00am — 4 Comments
खबर पढ़ी दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार पीडिता को मरणोपरांत "स्त्री -शक्ति सम्मान " से सम्मानित किया गया .मंत्रालय की मुहर लग गई। "उसे बहादुर बालिका" की उपाधि से सम्मानित किया गया।
मुझे जहाँ तक ज्ञात है सम्मान किसी उपलब्धि पर दिया जाता है। इस केस में क्या उपलब्धि रही समझ नहीं आया। क्या उस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत हो गई कि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोहराई न जा सके? नहीं। फिर उसका गैंगरेप हुआ क्या यह उपलब्धि रही।? या तमाम सरकारी चिकित्सकीय सुविधाओं को मुहैया कराने…
ContinueAdded by mrs manjari pandey on March 8, 2013 at 9:00pm — 10 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |