देखो हैं खेलत होरी पिया जी...
घेरे हैं उनको सखियाँ हमारी
रंग हैं लगावें जम के पिया जी...
करत है लीला रास मैं जानू
जियरा…
Added by भरत तिवारी (Bharat Tiwari) on March 30, 2011 at 6:30pm — 1 Comment
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