सनम मैं क्या लिखूँ .............
नयनों से बहते हुए नीर को,
या दिल में चुभते तीर को.
दिखे चेहरा तेरा जिसमे, उस दर्पण को,
या, प्यार में सब कुछ समर्पण को .
या फिर लिखें अपनी फूटी तकदीर को.
नयनों से बहते हुए नीर को,
या दिल में चुभते हुए तीर को.
सनम मैं क्या लिखूँ .............
लिखूँ तुम्हारे रेशमी बालों को,
या उनमे उलझे सारे सवालों को.
लिखूँ अपने दिल की पुकार को,
या तुम जैसे संगदिल यार को.
बंध गई जिसमे मुहब्बत, लिखूँ उस…
Added by praveen singh "sagar" on March 11, 2012 at 4:00pm — 10 Comments
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