काव्यगोष्ठी , परिचर्चा
कभी किसी विषय का विमोचन ,
आये दिन होते रहते
कविता पाठ के मंचन .
बाज़ न आते आदत से
ये कवियों की जो जात है .
वाह -वाह क्या बात है !
वाह -वाह क्या बात है !
इन्हें आदत है बोलने की
ये बोलते जायेंगे ,
हमारा क्या है , हम भी
सुनेंगे , ताली बजायेंगे .
पल्ले पड़े न पड़े , कोई फर्क नहीं
बस ढiक का तीन पात है .
वाह -वाह क्या बात है !
वाह -वाह क्या बात है !
ये निठल्ले , निकम्मे कवि
बे बात के ही पड़ते गले ,
बंद कमरों में कलम चला
जन क्रांति करने चले .
समाज सुधारेंगे ये क्या भला
जिनकी खुद की नहीं कोई औकात है .
वाह -वाह क्या बात है !
वाह -वाह क्या बात है !
पर ऐसा नहीं है मित्रों
ज़रा उबरो इस सोच से ,
देश उत्थान मंद ना पर जाए
साहित्य के मांग की लोच से .
ऐसी बातों से पहुँचता
दिल को बड़ा आघात है .
वाह -वाह क्या बात है !
वाह -वाह क्या बात है !
कलम की क्रांति होगी , बेशक
जन आन्दोलन होगा ,
जागेगी जनता निश्चय ही
भ्रस्ताचार उन्मूलन होगा .
मिट जायेगी ये अज्ञानता की
जो काली अँधेरी रात है .
वाह -वाह क्या बात है !
वाह -वाह क्या बात है !
प्रवीण "सागर"
(09311788846)
Comment
प्रवीण सागर जी कविता हास्य व्यंग्य का पुट लेकर चली चलते चलते गंभीर मुद्दे पर एक सार्थक सन्देश की और बढ़ चली अंदाज बहुत अच्छा लगा बेहतरीन सोच के लिए बधाई
एकदम से शुरु हो कर रचना अपने कहे को स्थापित करना चाहती है और अचानक गंभीर हो जाती है.
प्रयासरत रहें, भाईजी.
बधाई आदरणीय |
एक तुरंती -
ताली गाली से सदा, इनका सरोकार |
बाता-बाती में नहीं, कोई पाए पार |
कोई पाए पार, मगर लीडर दे टक्कर |
लफ्फाजी व्यापार, काम इक करता हटकर |
खोज माल असबाब, खजाना करता खाली |
लेकिन कवि की जात, खोज नहीं पाता ताली ||
कलम की ताकत का भान भक्ति काल में जो हुआ वह हम सबके सामने है |प्रथ्वी राज चौहान और महाराणा प्राताप जैसे शेर में भी क्रन्तिकारी परिवर्तन हुआ है कलम की ताकत का सुन्दर शब्दों में बखान करने पर बधाई भाई प्रवीण सिंह जी
कलम की क्रांति होगी , बेशक
जन आन्दोलन होगा ,
जागेगी जनता निश्चय ही
भ्रस्ताचार उन्मूलन होगा .
मिट जायेगी ये अज्ञानता की
जो काली अँधेरी रात है .
वाह -वाह क्या बात है !................कलम की क्रांतिकारी ताकत को सुन्दर शब्द मिले है.
हार्दिक बधाई इस अभिव्यक्ति पर आ. प्रवीण सिंह जी
//जागेगी जनता निश्चय ही
भ्रष्टाचार उन्मूलन होगा .
मिट जायेगी ये अज्ञानता की
जो काली अँधेरी रात है .//
वाह बातों बातों में क्या बात कही है, वाह -वाह क्या बात है, बधाई स्वीकार करें प्रवीण सागर जी |
प्रवीण जी नमस्कार
कमाल की रचना.....बधाई.......
फूल सिंह
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