लोकशाही क़माल है साहिब
लोक में ही बवाल है साहिब
काम इनके कभी नहीं रुकते
कौन इनका दलाल है साहिब
फिर से मिलने लगे हैं झुक झुक के
खेल करने का साल है साहिब
पूछने पर हमेशा कहते हैं
नेक सा ही ख़्याल है साहिब
अनगिनत हैं सवाल आंखों में
दिल में थोड़ा मलाल है साहिब
- -नंद कुमार सनमुखानी
"मौलिक व अप्रकाशित"
Added by Nand Kumar Sanmukhani on April 23, 2018 at 10:00am — 7 Comments
सोने की बरसात करेगा
सूरज जब इफ़रात करेगा
बादल पानी बरसाएंगे
राजा जब ख़ैरात करेगा
जो पहले भी दोस्त नहीं था
वो तो फिर से घात करेगा
कुर्सी की चाहत में फिर वो
गड़बड़ कुछ हालात करेगा
जो संवेदनशील नहीं वो
फिर घायल जज़्बात करेगा
जो थोड़ा दीवाना है वो
अक्सर हक़ की बात करेगा
नंद कुमार सनमुखानी.
-
"मौलिक और अप्रकाशित"
Added by Nand Kumar Sanmukhani on April 23, 2018 at 10:00am — 21 Comments
ख़ामोश रहें तो भी मुश्किल
कुछ बात कहें तो भी मुश्किल..
जो राज़ छुपे हैं सीने में
खुल जाएं तहें, तो भी मुश्किल..
वादा था किया ख़ुश रहने का
आंसूं जो बहें तो भी मुश्किल..
वो दर्द मुसलसल दें चाहे
हम दर्द सहें तो भी मुश्किल ..
विपरीत बहें हम धारों के
जो साथ बहें तो भी मुश्किल ..
- नंद कुमार सनमुखानी
"मौलिक और अप्रकाशित"
Added by Nand Kumar Sanmukhani on April 23, 2018 at 10:00am — 11 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |