पिता जी,
संघर्ष अभी जीवित है
वो मरा नहीं
अब भी आपके सपने
उसकी आँखों में ही है
वो आँसुयों में बहे नहीं
यद्यपि
वह टूटा नजर आ रहा
परंतु , पिता जी
अभी संघर्ष जीवित है
वो मरा नहीं
अभी भी उसमे अरमान है
अनंत आकाश में उड़ने की ख्वाहिश है
जो आप ने उसे दिखाये थे
यद्यपि
वह थक कर रुक गया…
ContinueAdded by arunendra mishra on April 18, 2012 at 12:30am — 4 Comments
ये कौन सा मोड़ है जीवन का
जहा सिर्फ अंतर्द्वंद है
यक़ीनन मै जनता हूँ
हर उस रास्ते को
जो मेरे चौराहे से गुजरता है
परन्तु फिर भी मै अविचल हूँ
यकीन मानो ,…
ContinueAdded by arunendra mishra on April 13, 2012 at 1:00pm — 10 Comments
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