जो बीत गयी सो बात गयी ...ये बात किसी ने खूब कहीं
अब क्या सोचे तू ,पड़ा-पड़ा ..उठ जाग जा अब रात गयी
कर तैयारी अब आगे की ,कि रात गयी तो बात गयी
फिर ना कहना ऐ-यार मेरे .. सारी मेहनत बेकार…
ContinueAdded by POOJA AGARWAL on May 29, 2013 at 3:30pm — 10 Comments
Added by POOJA AGARWAL on May 18, 2013 at 10:32am — 11 Comments
Added by POOJA AGARWAL on May 10, 2013 at 11:00am — 8 Comments
ईश्वर ने चाहे मुझको
खुशियाँ कम दे दी ,
मगर अच्छा किया कि
हाथ में मेरे कलम दे दी .
जब भी आँसू बहे आँखों से
शब्द बन के उतर जाते .
होती न गर कलम हाथ में
कैसे ग़म ये निकल पाते ,
थोड़ी सी मिली खुशियों में
ज़हर बनके घुल जाते .
हम घुट-घुट कर कबके
यहाँ पर मर जाते ,
इतना सारा ज़हर पीके हम
भला कैसे फिर जी पाते .
इसी कलम ने ज़हर निकाला
जब-जब दर्द ने डंक मारे ,
इसी कलम की…
Added by POOJA AGARWAL on May 7, 2013 at 9:30pm — 8 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |