क्या है कविता?
भाव-प्रवण शब्दों का
मोहक जाल
डम-डम, डिम-डिम
ध्वनियों का कमाल
प्रकृति में गुंजायमान,
अनहत नाद?
स्यात, प्रणय का…
ContinueAdded by SudhenduOjha on June 25, 2018 at 5:14pm — No Comments
है धुआँ-धक्कड़ और बवाल
चेहरे-चेहरे लिक्खे सवाल
कर नेकी दरिया में डाल
बाबा खेल-खिलांवे भइय्या
नाचे भक्तिन ताल-तलईय्या
चोर सियार सब होशियार
मूड़ी काटे भए चमार
ये सूअर हैं, हरामखोर हैं
इनकी लें हम उतार खाल
(उपरोक्त पंक्तियाँ ढोंगी बाबाओं के संदर्भ में हैं)
है धुआँ-धक्कड़ और बवाल
चेहरे-चेहरे लिक्खे सवाल
कर नेकी दरिया में डाल
जात अहीर, अहीरन के साथे
देश-मुल्क अब किसके…
ContinueAdded by SudhenduOjha on June 22, 2018 at 7:30pm — No Comments
जाहिल हैं कुछ लोग,
तुम्हें काफ़िर लिखते हैं।
अहले दीन की सुनो, तुम्हें ज़ाकिर लिखते हैं॥
वो जो इल्म के जानिब,
शमशीर ले कर निकला।
बाक़ी हैं कुछ लोग, उसे माहिर लिखते हैं॥
तड़पती प्यास लेकर आए
थे तुम जो सहरा से।
प्यार…
Added by SudhenduOjha on June 19, 2018 at 6:42pm — No Comments
जिसकी चाहत है
उसे हूर औ जन्नत देदे।
मेरे मौला मुझे बस अपनी अक़ीदत देदे॥
उतार फेंकें पैरहने -
शहंशाही दिल से।
हो सके तो हमें, तू ऐसी तबीयत देदे॥
रुक, मेरे किस्से में
तू क्योंकर नहीं शामिल।
तेरे किस्से में रहूँ मैं, ऐसी नीयत देदे॥
रात मेरी वस्ल की हो,
और साथ तेरा हो।
मेरे मौला इस रात को क़यामत देदे॥
वो मजबूरन जो सजदे पे
ईमान लेके आता है।
ऐसे मुसलमानों को भी अपनी नसीहत…
Added by SudhenduOjha on June 18, 2018 at 6:30am — No Comments
है अगर कोई मुसीबत,
हम तुम्हारे साथ हैं।
है अगर कोई फजीहत, हम तुम्हारे साथ हैं॥
गूँजती हैं तूतियाँ,
नक़्क़ारखानों में मगर।
शहनाईओं की हो ज़रूरत, हम तुम्हारे साथ हैं॥
पाँव में छाले लिए वह
दूर से आया बहुत।
उठ उसे देदो नसीहत, हम तुम्हारे साथ हैं॥
आँधी औ तूफान से वह
रुक न पाएगा कभी।
संघर्ष ने की थी वसीयत, हम तुम्हारे साथ हैं॥
लौट कर आई…
ContinueAdded by SudhenduOjha on June 9, 2018 at 9:00pm — No Comments
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