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कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा's Blog – September 2010 Archive (2)

किससे करूं मै बात ...!!!

किससे करूं मै बात ,उन जनाब की
जिनसे की है मुहब्बत बे-हिसाब की

दीखते नही वो दिन में ,रातें भी स्याह हुई
हुई मद्धम रोशनाई मेरी वफ़ा-ए-महताब की

किससे गिला करूं कहाँ तहरीर दूं ?
कोई ढूंढ लाये तस्वीर मेरे ख्वाब की

बिखर जाएगी शर्मो -हया इस जहाँ में
जो बरसों से हिफाजत में है हिजाब की

Added by कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा on September 24, 2010 at 10:00pm — 2 Comments

मन की बुझी ना प्यास तेरे दीदार की...

मन की बुझी ना प्यास तेरे दीदार की

मन का था भ्रम या हद थी प्यार की ।



क्यूँ नहीं समझता ये दिल अपनी हदों कों

किया सब जो थी मेरी कूवत अख्तियार की।



जिद में क्यूँ कर बैठा तू ऐसी खता

कर दी बदनामी खुद ही अपने प्यार की ।



सुर्खरू हो जाता है तन-मन तुझे देख कर

सुध-बुध नही रही इसे अब संसार की ।



हर तमन्ना में बस तमन्ना है तेरे दीद की

कयामत की हद बना रखी है इंतजार की ।



जमाना चाहे जितने कांटे बिछा दे राहों में

'कमलेश 'जीत आखिर… Continue

Added by कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा on September 22, 2010 at 7:30pm — 2 Comments

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