कली बेजार है, अपनी नजाकत से
बला की खूबसूरत हैं, क़यामत से/१
अकेला हुस्न जो देखा सरे-महफ़िल
तो हम पहलू में जा बैठे शरारत से /२
ज़मीं पर चाँद उतरा है ख़ुशी है ; पर
सितारे ग़मज़दा हैं इस बगावत से /३
बदन सोने सरीखा है , अगर मानो
जरा सा तिल लगा दूँ मैं, इजाजत से /४
बड़े खामोश रहते हो, वजह क्या है
समंदर दिल में रक्खा है हिफाजत से/५
सुना जो बागबां से आप का किस्सा
गुलिस्तां छोड़ आये हैं शराफ़त से /६
मेरी माँ फिक्रमंदी में,…
ContinueAdded by Saarthi Baidyanath on November 28, 2013 at 11:30am — 19 Comments
तमन्ना जाग उठती है , तेरे कूचे में आने से
तेरे चिलमन हटाने से जरा सा मुस्कुराने से/१
अजब ही दौर था जालिम ग़ज़ल की नब्ज़ चलती थी
मेरी पलकें उठाने से तेरी पलकें झुकाने से/२
कहीं जाओ मगर अच्छे मकां मिलते कहाँ हैं अब
हमारे दिल में आ जाओ, ये बेहतर हर ठिकाने से/३
पतंगों सा गिरा कटकर तेरी छत पर अरे क़ातिल
कि बाहों उठाले तू किसी तरह बहाने से/४ …
ContinueAdded by Saarthi Baidyanath on November 14, 2013 at 11:00pm — 15 Comments
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