रूपम के हाथों में मेहंदी लग रही थी. दामिनी चाहती थी कि इसके लिए पार्लर से मेहंदी डिजाइनर बुलवा लें, किंतु रूपम ने साफ मना कर दिया था. उसकी जिद्द के आगे दामिनी को झुकना ही पड़ा. मेहंदी, कपड़े, मेक अप इत्यादि के मामलों में रूपम ने अपनी सहेलियों को ज्यादा तरजीह दी थी. अपने वादों के मुताबिक उसकी सहेलियां शादी के चार दिन पहले ही रूपम के घर पहुंच चुकी थी. अपने लहंगे और अन्य कपड़ों की खरीदारी वह नीलिमा के मुताबिक कर रही थी. नीलिमा उसकी बेस्ट फ्रेंड थी जो मुम्बई में रहकर फैशन डिजाइनिंग का कोर्स…
ContinueAdded by Govind pandit 'swapnadarshi' on November 11, 2015 at 11:21am — No Comments
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