1222-1222-1222-1222
मुझे गम के समन्दर में अभी बहना नहीं आया ।
सभी यारो ने माना ये सच्च कहना नहीं आया ।।
मुझे कहते रहे कायर इश्क के सूरमां सारे ।
मगर हम मौन हो गए और कुछ कहना नही आया ।।
…
ContinueAdded by DIGVIJAY on November 29, 2015 at 1:00am — 16 Comments
जब जन्म लिया इस माटी में,
तब आँखो तले अँधेरा था,
जब पलक उठी इस दुनिया में,
माँ के आँचल में हुआ सवेरा था,
फिर दिन चढ़ने और ढ़लने कि,
गुत्थी सुलझाने बैठ गया...,
जब एक तरफ देखा उजियाला
तो दूजी तरफ अँधेरा था ।। 1 ।।
छोटा था तो मन में मेरे,
उठता था एक बड़ा अँधेरा ?
क्यूँ रात होती हैं काली,
क्यूँ दिन को होता हैं सवेरा,
किसी ने बोला ये नियम प्रकति का,
तो कोई कहे इन्हे ग्रहों कि चाल...,
पर सच…
ContinueAdded by DIGVIJAY on November 25, 2015 at 7:30pm — 2 Comments
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