टूटी आशाएं,
बिखरा परिवार,
मैं मिट गया ।। 1 ।।
तुम्हारी खुशी,
जीं-तोड़ मेहनत,
फिर भी विफल ।। 2 ।।
बहती पवन,
विकराल रूप,
सब कुछ बंजर ।। 3 ।।
रब नाऱाज,
लहरो का कहर,
बहते आँसू ।। 4 ।।
धुँधली रेखा,
तुम्हारा आगमन,
सूर्य उदय ।। 5 ।।
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण जी एवं गिरिराज जी ।
बहुत खूब
आदरणीय दिग्विजय भाई , आपके सभी हाइकु बहुत सुन्दर लगे , आपको हार्दिक बधाई ।
उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद । आदरणीय उस्मानी साहब
जीं तो कर रहा हैं कि दोबारा से प्रकाशन हेतु निवेदन करू परन्तु संपादक महोदय को अपनी गलती हेतु क्यों परेशान किया जाए । दोबार से अति उत्साह में जल्दीबाजी न करके ध्यान से पोस्ट करूंगा....
आदरणीय दूसरी पंक्ति में भी कि जगह क्यों लगाने से सही अर्थ के साथ-साथ सहीं शिल्प भी बैठ रहीं है । आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय सुशील जी ।
आदरणीय दिग्विजय जी पाँचों हायकू सुंदर बन पड़े हैं ,हार्दिक बधाई। आदरणीय दुसरे हायकू की तीसरी पंक्ति का गठन कृपया पुनः देख लें ।
अब ये सभी उम्दा बन पड़े है आदरणीय दिग्विजय जी। बधाई !
शायद तीसरे न० के हाइकू के लिए मुझे.....
बहती हवा,
विकराल मंजर,
सब बंजर ।।................और एक सुधार जो हाइकू माँग रहा हैं वो पाँचवे न० का हैं जहाँ सूर्य कि जगह भाग्य उचित लग रहा हैं । सभी साहित्यकारो से माँफी माँगता हूँ अति उत्साह में जल्दी पोस्ट कर बैठा । बाकी गुणीजनो का सुझाव सर आँखो पर । सादर
ओह....इस ओर तो मेरा ध्यान ही नहीं गया ये सब जल्दबाजी का नतीजा हैं माफी चाहता....जल्द ही इसका व्यवस्थित रूप लेकर उपस्थित होता हूँ । प्रशंसा हेतु धन्यवाद आदरणीया कान्ता दीदी ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online