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Akshay Thakur " परब्रह्म "'s Blog – November 2010 Archive (3)

"हिम्मत"

कितनी बार कहा है तुमसे

रोना धोना बंद करो

हिम्मत करके तुम आगे बड़ो

अधिकारों के लिए अब खुद ही लड़ो

कभी हंसकर के जो तुमने

ये कुछ सपने संजोये थे

उन्हें साकार करने के लिए

तुम डटकर आज आगे बड़ो

हिम्मत ऐसी हो दिल में

कि हिम्मत खुद ही डर जाए

क्या हिम्मत दूसरों में फिर

जो तुझको रोकने आयें !



-अक्षय ठाकुर… Continue

Added by Akshay Thakur " परब्रह्म " on November 25, 2010 at 11:29pm — 1 Comment

"रात अभी भी बाकी है ...!"

ये रात अभी भी बाकी है ,

कुछ काम अभी भी बाकी हैं |

ये बात बहुत है छोटी सी ,

और दुनिया बदलना बाकी है |

पर दुनिया कि क्या बात करें , अभी

खुद को ही बदलना बाकी है ;

हम खड़े तो थे इस पार मगर ,

मीलों तक चलना बाकी है ;

ये रस्ता बहुत है संकरा सा , मगर

दुनिया को दिखाना बाकी है

पर दुनिया कि क्या बात करें ,

खुद भी तो चलना बाकी है |

ये रात अभी भी बाकी है ,

दिन को भी निकलना बाकी है

सूरज का चमकना बाकी है , और

किरणों का बिखरना बाकी है… Continue

Added by Akshay Thakur " परब्रह्म " on November 20, 2010 at 4:08pm — 2 Comments

" माँ की ममता "

अरे ओ नौजवानों ,

अब उठो और

खुद से ये पूछो |

दिया जिसने तुम्हे है सब कुछ

उसी के दिल -

-से आज तुम पूछो

कभी हमसे भी पूछो ,

और लोगों से भी पूछो |

किया तुमने है क्या

उस माँ की खातिर

जिसने तुम्हे ममता परोसी है |

आँचल से लिपटकर जिसके

दुनिया ये सोती है |

जिसका जीवन बना आदर्श

आज फिर , ममता वो रोई है |

जिसने सभी के चेहरों पर

मुस्कान है लायी ,

वो ममता आज फिर

खुद हंस-हंस के रोई है |

जिसने खुद जगकर

हमको… Continue

Added by Akshay Thakur " परब्रह्म " on November 17, 2010 at 11:18am — 7 Comments

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