ग़ज़ल
अज़ीज़ बेलगामी
मेरा असासा सुलगता हुवा मकाँ है अभी
अगरचे आग बुझी है धुवाँ धुवाँ है अभी
यकीं की शम्मा जलाता रहा हूँ सदियौं…
ContinueAdded by Azeez Belgaumi on December 29, 2010 at 10:53am — 3 Comments
Added by Azeez Belgaumi on December 26, 2010 at 2:00pm — 7 Comments
ग़ज़ल
by
अज़ीज़ बेलगामी
हम समझते रहे हयात गयी
क्या खबर थी बस एक रात गयी
खान्खाहूँ से मैं निकल आया
अब वो महदूद काएनात…
Added by Azeez Belgaumi on December 19, 2010 at 4:00pm — 22 Comments
Added by Azeez Belgaumi on December 3, 2010 at 12:30pm — No Comments
Added by Azeez Belgaumi on December 2, 2010 at 11:30am — 8 Comments
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