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Anvita's Blog – June 2020 Archive (5)

एकाकी चांद

ऑख की,ड़िबिया में,
बंद,
सपने हैं,
मौसम की खुनक,
सांसो के रास्ते,
अब,नहीं उतरती,
मन की,
सीढ़ियाँ ....
हालाँकि,
उदासी के दियों में,
भरपूर है तेल,
और कामना की बातियाॅ ....
रात भर
जलती है ।
होड़ लेती हैं, स्मृतियाँ...तारों से !
चांदनी के इद॔-गिद॔,
मृत सपनों का,
वलय है, एकाकी चांद के आंसू ...
रात भर टपकते हैं,
सुबह,पत्तों पर,
धोखा होता है,
ओस का।

अन्विता ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Added by Anvita on June 22, 2020 at 9:58pm — 4 Comments

"स्मृतियाँ "

दुःखते हुए पांव हैं बाकी,
रिसते हुए घाव हैं बाकी,
आशाएँ जो छोड़ गईं,
उजड़े हुए गाँव हैं बाकी।
गीत अधर पर ठहरे-ठहरे
अश्रु पर पलकों के पहरे,
सहमे- सहमे सच पर हावी,
झूठ के निम॔म दांव हैं बाकी ।
सतरंगी सपनों के ड़र से,
लहरों से समझौते करते,
ठीक किनारे उलट गई जो,
स्मृतियों की नाव है बाकी...।

अन्विता ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Added by Anvita on June 18, 2020 at 9:49pm — 6 Comments

"समय नहीं है"

चुप है समय,

दिशाओं के अनुमान में,

भ्रमित और आहत है मन

सत्य के संधान में,

शब्द करते हैं सवारी,

नुकीले अस्त्रों की,

शब्द,

बनना चाहिए था

जिन्हें मरहम!

अंगुलियां उठती हैं

सामर्थ्य पर;

थाम सकतीं थीं जो,अशक्तता ...

अंगुलियां जो,ढाल सकतीं थीं

दहकते लावे को

फूल की शक्ल में; शून्य हैं ऑखे,

ऑखे, जो संजो सकतीं थीं

पल-पल का इतिहास,

आहत है मन,

जो प्रहरी था सच का,

निःशब्द है अपने आखेट पर,

अभी समय नहीं… Continue

Added by Anvita on June 14, 2020 at 1:18pm — 2 Comments

"नियति "

आस छोड़ी न थी,
न,प्रयास बौने थे,
जीतना कहाँ
संभव होता
हम
नियति के हाथों के,
खिलौने थे।
ओढे, बिछाए,
तह लगाकर
रख दिए
हमारी इच्छाओं के
ही तो,बिछौने थे।

अन्विता ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Added by Anvita on June 13, 2020 at 1:10pm — 2 Comments

चाहती हूँ

दिवस के अवसान का,भ्रम नहीं पाले कोई,

चाॅद की आमद के पीछे,

आएगी ऊषा नई ,

ऊध्व॔मुख सूरजमुखी से होड़ लेना चाहती हूँ ..एक

गहरी नींद सोना चाहती हूँ ।

अश्रुओं में बह गई है,

विगत की अंतिम निशानी,

पलकों पर सजने लगी है,

प्रीत की नूतन कहानी,जिंदगी की जीत पर ,

मन को ड़ुबोना चाहती हूँ ।

एक गहरी नींद सोना चाहती हूँ ।

मैं सृजन के शब्द होकर,

दिग् दिगंत में उड़ सकूँ,

धूप का सा आचरण ले,

कालिमा से लड़ सकूँ,

राख से जन्मे विहग के,पंख होना…

Continue

Added by Anvita on June 4, 2020 at 12:00pm — 5 Comments

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