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Amit Kumar "Amit"'s Blog (2)

गीत - मैं तुमको अपनी सबसे प्यारी गजल समझता हूं।

तुम मुझको चाहे जो भी समझो लेकिन सुनो प्रिय।

मैं तुमको अपनी सबसे प्यारी गजल समझता हूं।।



तुम अमृत जैसी दुर्लभ हो, तुम गंगाजल सी पावन हो।

तुम खुशबू से लबरेज पवन, तुम बहका-बहका सावन हो।

तुम कलियों में कचनार प्रिय, तुम नील गगन में चंदा हो।

उर्वशी-मेनका से सुंदर, जो जग पूजे वो वृंदा हो।



उस जीवन दाता रब का मुझ पर फजल समझता हूं।

मैं तुमको अपनी सबसे प्यारी गजल समझता हूं।।१।।



सांसो की मधुमय हाला से मदहोश सदा हो जाता हूं।

इन नैनो की मधुशाला… Continue

Added by Amit Kumar "Amit" on July 19, 2019 at 6:09pm — 3 Comments

गज़ल - गमों का नाम हो जाये हमारे नाम से साकी।

पिला दे घूंट दो मुझको, ज़रा नजरों से ऐ साकी।।

मिलुंगा मैं तुझे हर मोड़ पे पहचान ले साकी।।१।।

अभी तो दिन भी बाकी है ये सूरज ही नहीं डूबा।

इसे दिलबर के आंचल में जरा छुप जान दे साकी।।२।।

जिसे पूजा किये हरदम जिसे समझा खुदा मैंने।

किया बर्बाद मुझको तो उसी इन्सान ने साकी।।३।।

मेरा महबूब भी तू है मेरा हमराज भी तू है।

वे दुश्मन थे मेरे पक्के जो मेरे साथ थे साकी।।४।।

नहीं इससे बड़ी कोई भी अब अपनी तमन्ना है।

गमों का नाम हो जाये हमारे नाम से…

Continue

Added by Amit Kumar "Amit" on January 6, 2019 at 10:30pm — 10 Comments

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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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