देखो हैं खेलत होरी पिया जी...
घेरे हैं उनको सखियाँ हमारी
रंग हैं लगावें जम के पिया जी...
करत है लीला रास मैं जानू
जियरा…
Added by भरत तिवारी (Bharat Tiwari) on March 30, 2011 at 6:30pm — 1 Comment
Added by भरत तिवारी (Bharat Tiwari) on August 15, 2010 at 8:58pm — 2 Comments
Added by भरत तिवारी (Bharat Tiwari) on August 15, 2010 at 8:50pm — No Comments
मन तो करता है के सलाम करूँ | लहरा के तिरंगे को गुमान करूँ || चोर हैं देश का भेष है सिपाही का| इन सफ़ेदपोशों का काम तमाम करूँ || घर बना कैद ये कैसी है आज़ादी | जश्न तो तब जो सर-ए-आम करूँ || गान है राष्ट्र का साज हैं विदेशी | सुनूँ कैसे क्या खुद को गुलाम करूँ || कहीं छपा के खबर अभी मत छापो | क्या मज़ाक है देश को नीलाम करूँ || देश का हूँ तो क्यों ना लिखूँ ये आखिर | कहते है भरत ना बोले तो आराम करूँ… |
Added by भरत तिवारी (Bharat Tiwari) on August 15, 2010 at 12:30pm — 1 Comment
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