मेरे जीवन में वो मौसम, वो दिन और रात कहाँ,
जो भिगो दे मुझे वो प्यार की बरसात कहाँ।
तेरी बातों में हर इक बात भूल जाते थे,
भला अब तुझमे वो पहली सी हंसीं बात कहाँ।
यूँ तो अब भी तू वही है, ये शब-ओ-रोज़ वही,
दरमियाँ अपने मगर पहले से हालत कहाँ।
देखके तुझको बस तुझमे ही सिमट जाते थे,
अब सिमटने के लिए दिल में वो जज़बात कहाँ।
प्यार के नाम पे चुनते रहे कांटे हरदम,
मेरे दामन में कोई फूलों की सौगात…
ContinueAdded by Usha Pandey on December 29, 2014 at 3:21pm — 7 Comments
इश्क की हद से गुज़र कर देखा,
जीते जी हमने तो मर कर देखा।
राह में तेरा वो बिछड़ जाना,
कितना तनहा सा वो सफ़र देखा।
छोड़कर तुझको जब हुए रुखसत,
हमने कई बार पलटकर देखा।
काश तू फिर कहीं पे मिल जाए,
हर गली हमने ढूँढकर देखा।
ख्वाब में भी कभी तो तू आये,
हमने नींदों में जागकर देखा।
होके तनहा सदा न देता हो,
आहटों पे भी गौर कर देखा।
ऊषा पाण्डेय.
अप्रकाशित व…
ContinueAdded by Usha Pandey on December 21, 2014 at 8:00pm — 9 Comments
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