दिले बेक़रार को थोड़ा करार मिल जाए,
गुलशने वीरां को राहे बहार मिल जाए।
हट जाए ये फ़सुर्दगी मेरे दीदा-ए-मजहूर से,…
ContinueAdded by Ashish Kumar on December 20, 2018 at 5:14pm — 3 Comments
Added by Ashish Kumar on December 18, 2018 at 5:30pm — 4 Comments
२१२२ २१२२ २१२२ २१२२
दुश्मनी को भूल जाऊँ दोस्ती की बात तो हो
नफरतों को छोड़ भी दूँ इश्क़ के हालात तो हो।…
ContinueAdded by Ashish Kumar on December 4, 2018 at 1:30pm — 7 Comments
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