For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खंडित मूर्ति - लघुकथा –

खंडित मूर्ति - लघुकथा –

"सुमित्रा, यह लाल पोशाक वाली लड़की तो वही है ना जिसकी खबर कुछ महीने पहले अखबार में छपी थी।"

"हाँ माँ यह वही है।"

"इसके साथ स्कूल के चपरासी ने जबरदस्ती की थी ना।"

"हाँ माँ,वही है। आप क्या कहना चाहती हो?"

"मैं यह कहना चाहती हूँ कि इसे पूजा में किसने बुलाया?"

"माँ यह मेरी बेटी के साथ पढ़ती है। उसकी दोस्त है। उसने इसे मुझसे पूछ कर ही बुलाया है।"

"यानी यह तुम्हारी मर्जी से यहाँ आयी है। सब कुछ जानते बूझते हुए।"

“माँ , वह बच्ची है। जो भी कुछ उसके साथ हुआ, उसमें उसका क्या कसूर?"

"लेकिन अब वह क्वारी कन्या नहीं है।"

"कैसी बात करती हो माँ। पहली बात तो यह कि उसके साथ वह सब कुछ हो ही नहीं पाया जो आप समझ रही हो।दूसरी बात वह खुद भी नहीं जानती कि उसके साथ क्या होने जा रहा था।"

"मगर सुमित्रा पूजा में खंडित मूर्तियाँ नहीं रखी जातीं।इसे तुरंत यहाँ से निकालो"

"माँ इंसान और मूर्ति में फ़र्क़ होता है।यह पूजा में अवश्य शामिल होगी।"

मौलिक, अप्रकाशित एवम अप्रसारित

Views: 579

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on November 19, 2020 at 12:30pm

हार्दिक आभार आदरणीय  बृजेश कुमार 'ब्रज जी।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 1, 2020 at 8:50pm

एक और बेहतरीन लघु कथा आदरणीय बधाई...अंतिम से पहली पंक्ति हालाँकि नकारात्मक है लेकिन लघु कथा की जान वही है।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 28, 2020 at 8:40am

हार्दिक आभार एवम आदाब आदरणीय समर कबीर साहब जी।मेरी लघुकथाओं पर आपकी उपस्थिति निरंतर बनी हुई है। मेरे लिये यह बहुत बड़ी खुशी का कारण है।आपका प्यार सदा बना रहे।

Comment by Samar kabeer on October 27, 2020 at 8:32pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, अच्छी लघुकथा लिखी आपने, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 27, 2020 at 11:50am

हार्दिक आभार आदरणीय दीपाली ठाकुर जी।

Comment by Deepalee Thakur on October 27, 2020 at 9:08am

 खंडित मूर्ति अच्छी लघुकथा एक अलग विषय पर बधाई।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 27, 2020 at 8:39am

हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'  जी।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 26, 2020 at 8:11pm

आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । अच्छी संदेशपरक कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . . .

कुंडलिया. . .चमकी चाँदी  केश  में, कहे उमर  का खेल ।स्याह केश  लौटें  नहीं, खूब   लगाओ  तेल ।खूब …See More
8 minutes ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
47 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर इस्लाह करने के लिए सहृदय धन्यवाद और बेहतर हो गये अशआर…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. आज़ी तमाम भाई "
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आ. आज़ी भाई मतले के सानी को लयभंग नहीं कहूँगा लेकिन थोडा अटकाव है . चार पहर कट जाएँ अगर जो…"
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बेहद ख़ूबसुरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय निलेश सर मतला बेहद पसंद आया बधाई स्वीकारें"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आ. आज़ी तमाम भाई,अच्छी ग़ज़ल हुई है .. कुछ शेर और बेहतर हो सकते हैं.जैसे  इल्म का अब हाल ये है…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आ. सुरेन्द्र भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है बोझ भारी में वाक्य रचना बेढ़ब है ..ऐसे प्रयोग से…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेंदर भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई आपको , गुनी जन की बातों का ख्याल कीजियेगा "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय आजी भाई , ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है , दिली बधाई स्वीकार करें "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"वाह वा , आदरणीय लक्ष्मण भाई बढ़िया ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय आजी भाई उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service