आज जब सुबह मैं सैर कर रहा था , तब इक आवाज़ मेरे कानों से टकराई ,साहिब जी नमस्कार ।
मैंने खुद को रोका और उस पर नज़र डाली, आज उसने बहुत सुंदर लाल कमीज़,काली ऐनक और सिर पे टोपी पहनी हुई थी ।
धीरे से उस ने अपनी ट्राई साइकिल मेरे पास लाते हुए कहा,"साहिब जी, आज भोले नाथ का जन्मदिन है ,आज कुछ हो जाए,ये मुझे समझ आ गया था ।"क्योंकि वह जब भी मुझे मिलता, उस को उम्मीद होती कि मैं उसे कुछ पैसे दूं।"
"नहीं भाई, आज शिव रात्रि नहीं, भाई आज तो जन्माष्टमी है ।"
"मैंने उस की ट्राईविलर के पास जाते हुए कहा।"
"आप को किस ने बताया है कि आज भोले नाथ का दिन ।"
"सभी लोग कह थे।"मगर मुझे क्या पता, मैं तो तैयार हो कर मंदिर की और जा रहा हूं।"
"अब क्या कह रहे हो?" मैंने फिर उस से पूछा
"जो आप कह रहे हैं , सर जी ,हो जाए फिर ,
हो जाए का उसका मतलब ,मेरी तरफ से कुछ जेब ढ़ीली करना है।
"मैं भी मंदिर में चढ़ावा चडाना चाहता हूं , उस ने मुझे ज़िंदगी दी है,मुझे भी तो उसकी दी ज़िंदगी की कुछ कीमत अदा करनी होगी, उस ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।"
उस की नज़र मेरे चेहरे पर आ टिकी , और मैं सोच रहा था ,ये क्या चुका पाएगा, जो खुद का घर तो चला नहीं पाता, ये जो अर्पण भी करता है, वो दूसरों से लेकर ,जिस के लिए उसे अपनी ज़मीर को कीमत अदा करनी पड़ेगी।
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
जनाब मोहन बेगोवाल जी आदाब, लघुकथा का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।
एक बात ध्यान में रखें कि किसी भी विधा में लिखने के लिए उस विधा के बारे में बहुत अध्यन करना होता है, हमारे ओबीओ पर हर विधा के बारे में आपको आलेख मिल जाएँगे, उनका अध्यन करें, और अपने लेखन को सँवारें ।
लघु कथा का अच्छा प्रयास हुआ है आदरणीय अभी कथनों को स्पष्ट रूप से प्रगट करने के लिए आप को और अधिक प्रयास करना चाहिए सादर आभार
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online