2×15
कोशिश इतनी भी मत कीजे यादों को झुठलाने में ।
आँखों मे आँसू भर जायेगे ज्यादा मुस्काने में।
और भी कोई चीज़ बची है क्या तेरे मैखाने में,
सारे ग़म तो मिला दिए तूने मेरे पैमाने में।
बरस हज़ारों बीत गए हो जैसे तुझको देखे बिना,
बीस साल की गिनती तो मैं गिनता हूँ अनजाने में।
कोई फैसला लिखने बैठेगा तो उससे पूछूगा,
सारी गवाही पूरी हैं या देर है उनके आने में।
इतना पता मिल जाता बस वो सही सलामत रहते हैं,
अब तो…
Posted on July 12, 2023 at 12:02am
1222 1222 1222 1222
वही इक ख्वाब तो अपनी निगाहों ने भी देखा था।
हमारे पास कोशिश थी,तुम्हारे पास पैसा था।
तुम्हारे हक़ में आया फैसला तो कैसा अचरज हो,
मेरी आँखों में मिन्नत थी, तेरे कदमों का रुतबा था।
कहीं से भी नहीं लगता तेरी हस्ती से अब संगदिल,
यही वो शख्स है मैं जिसके ख़्वाबों में भी रहता था।
तेरा रुख ऐसा होगा ये अगर महसूस हो जाता,
कभी भी मैं नहीं कहता तू मुझसे प्यार करता था।
रिहाई जाने कब…
ContinuePosted on July 10, 2023 at 1:06am — 2 Comments
2122 2122 2122 212
हमने तो मुद्दत से उनका ख्वाब भी देखा नहीं
लग रहा है इस दिए में तेल अब ज्यादा नहीं
ज़िन्दगी का क्या भरोसा डगमगाते दौर में
आप तक ले जाये ऐसा तो कोई रस्ता नहीं
शायरी भी बोझ दिल का बन गयी है दोस्तो
वो कोई कैसे पढ़ेगा जो मैं लिख सकता नहीं
तुम अगर आ जाओ अब भी तो ही क्या हो जाएगा
मैं नहीं,तुम भी नहीं वो,वक़्त भी वैसा नहीं
एक सूरत लेकिन अब भी है मेरे उद्धार की
पर सिवा तेरे किसी में ध्यान भी…
Posted on April 25, 2023 at 11:43pm — 5 Comments
एक ताज़ा ग़ज़ल जो अधूरी लगती है
122 122 1212 122 122 1212
मेरे साथ लम्हें गुज़ार ले,मुझे भूलने का ख्याल क्यों?
मुझे इस भंवर से उबार ले,मुझे भूलने का ख्याल क्यों?
भले आज तुझसे मैं दूर हूँ, किसी बेबसी का सुरूर हूँ
मुझे फिर से दिल में उतार ले,मुझे भूलने का ख्याल क्यों?
मैं तेरी नज़र का करार था ,तेरे सूने मन की बहार था।
मुझे गौर से तो निहार ले ,मुझे भूलने का ख्याल क्यों?
मुझे देख ले फिर उसी तरह,मेरे पास आजा किसी तरह
मुझे चाँद कह के पुकार ले,मुझे भूलने…
Posted on April 18, 2023 at 11:17pm — 2 Comments
शुक्रिया मनोज जी |
आपका हार्दिक आभार :)
आभार
आ० मनोज जी
सर्वश्रेष्ठ लेखन कभी भी आसान नहीं होता . आपको इस सम्मान के लिये मेरी और से बधाई . सादर .
आदरणीय मनोज कुमार एहसास जी.
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी रचना "मेरी बेटी" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
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आपकी मित्रता का ह्रदय से स्वागत है आदरणीय मनोज जी
सादर!
जिंदगी की कशमकश व्यक्त करती अच्छी गजल। प्रयास अच्छा है
जय श्री राधे
भ्रमर ५
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