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कविता : अबकी बार आजादी कुछ इसतरह मनाये हम.

अबकी बार आजादी कुछ इसतरह मनाये हम.

रोते-बिलखते लोगों को फिर एक बार हंसाये हम.

जो अब तक सही आजादी  पाने  से महरूम है.

जो अपने घर में आज भी बेबस लाचार मजलूम है.

स्वतंत्र देश में जकड़े है जो गुलामी की जंजीरों से.

खेलते है देश के नेता जिनके मासूम तकदीरों से.

जो तन्हा भूखे-नंगे सोते है आसमान के नीचे.

उनके बंजर चेहरों को आओ मिलकर सींचे.

उनके रहने खातिर एक आशिया बनाये हम. 

अबकी बार आजादी कुछ इसतरह मनाये हम.

उखाड़ फेके जड़-मूल  से भ्रष्टाचार  की आंधी को.

अब और कलंकित न होने दें नेहरु नेता गांधी को.      

गूँज रहा है आज देश घोटालों के नारों से.

मुक्ति दिलाये राष्ट्र को इन बुजदिल गद्दारों से.

बीर शहीदों की कुर्बानी   यूँ  बेकार ना होने दे.

बहूत हो गया भारत माँ को अब और ना रोने दे..

आओ शोषण,भय,भूख को मिलकर के मिटाए हम.                                 

अबकी बार आजादी कुछ इसतरह  मनाये हम.

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Comment by Noorain Ansari on August 19, 2011 at 12:08pm
सौरभ जी/शनो जी.. प्रणाम,
बहूत बहूत धन्यवाद आप जैसे शख्सियत का कमेन्ट पाना मेरे  लिए सौभाग्य की बात है..
बस आप सब का नेह छोह और प्यार अशिर्बाद बना रहे येही मेरी भगवान से प्रार्थना  है..
Comment by Shanno Aggarwal on August 16, 2011 at 1:51am

नुरेन जी, बहुत भावपूर्ण रचना...शुक्रिया.

 

''वीर शहीदों की कुर्बानी   यूँ  बेकार ना होने दे.

बहूत हो गया भारत माँ को अब और ना रोने दे..

आओ शोषण,भय,भूख को मिलकर के मिटाए हम.                                 

अबकी बार आजादी कुछ इसतरह  मनाये हम.''


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 15, 2011 at 6:14pm

नुरैन भाई की भावनाओं को बहुत शान्दार अभिव्यक्ति मिली है.

अबकी बार आजादी कुछ इसतरह मनाये हम... आमीन.

 

Comment by Noorain Ansari on August 15, 2011 at 11:13am
बागी जी बहूत बहूत धन्यवाद और आपको भी स्वतंत्रा दिवस की हार्दिक शुभकामनाये..........
आपका उत्साहबर्धक और बहुमूल्य कमेन्ट हमारी टूटी फूटी लेखनी के लिए संजीवनी बूटी के तरह  काम करता है..

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 15, 2011 at 10:47am

नुरैन भाई बहुत ही खुबसूरत देशभक्ति कविता आपने प्रस्तुत किया है, बहुत बहुत बधाई और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामना स्वीकार करें |

कृपया ध्यान दे...

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