For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सरस्वती-वंदना (चौपइया छंद पर एक प्रयास))

 आगामी बसंत पंचमी पर 'सरस्वती पूजन' के आयोजन  का कार्यक्रम है, उसीके उपलक्ष्य में इस वंदना की रचना किया हूँ ! सभी आदरणीयों से सादर निवेदन है कि कृपया इसके गुणों, दोषों से अवगत कराएं तथा आवश्यक प्रतीत होने पर उपयुक्त परिवर्तन भी सुझाएँ ! धन्यवाद !                                      

  

(मौलिक व अप्रकाशित)

जय शारद माता, जग  विख्याता, तुमको नमन हमारा !

हे  विद्या  देवी, सुर-नर  सेवी, महिमा अगम अपारा !

चिर  उज्जवल  धारी, हंस सवारी, वीणा स्वर झंकारा !

हम अवगुण मारे, तनय तुम्हारे, तव दर करत पुकारा !

 

पंचमी  बसंता, शुभ  अत्यन्ता, तव  मूरति  रखवाते !

मूरति  रखवाकर, तुम्हे  बुलाकर, उत्सव मोद मनाते !

माँ  मोद  मनाकर, वंदन  गाकर, प्रेम  तुम्हारा पाते !

हम  पूत  तुम्हारे, नयन  दुलारे, चरणन शीष नवाते !

 

तुम  ज्ञान  प्रदाती, सद्गुण दाती, हमपे  कृपा  करो माँ !

अज्ञान   हमारा, कलुष   विचारा, सर्वस्यामि   हरो  माँ !

विद्या  की  ज्योती, सद्गुण  मोती, हममे आज भरो माँ !

हर नर के मन में, सर्व भुवन में, नित ही तुम विचरो माँ !

 

हे  माँ  ब्रह्माणी, वीणा  पाणी, है  अंतिम  अभिलाषा !

हर  मन हो निश्छल, कार्य सुमंगल, हो सद्धर्म प्रकाशा  !

यह  विनय  तुम्हारी, मंगलकारी, इसमे  करो  निवासा !

जो भी  ये  गाए, तुमको  पाए, है  इतनी  मम आशा !

                     -पियुष द्विवेदी ‘भारत’

                    

Views: 1681

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on February 16, 2013 at 9:05pm

शुक्रियाआ.  मंजरी जी !

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on February 16, 2013 at 9:05pm

धन्यवाद आदरणीय राजेश कुमारी जी !

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on February 16, 2013 at 9:04pm

धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 12, 2013 at 1:03pm

माँ शारदे  कि सुंदर स्तुति हेतु बहुत बहुत बधाई,माँ शारदे की कृपा बनी रहे 

Comment by mrs manjari pandey on February 12, 2013 at 12:12pm

 अच्छी माँ वीणावादिनी  की वंदना . बधाई।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 11, 2013 at 11:21pm

माँ शारदा की सुन्दर प्रार्थना है. कथ्य के अनुरूप कुछ शब्द नियत कर लेने थे, जो दूसरी या तीसरी बार रचना को पढ़ते समय आपको समझ में आ गया होगा. शिल्प का निर्वहन यथासंभव उचित है. 

बधाई

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on February 11, 2013 at 8:16pm

धन्यवाद संदीप भाई जी !

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on February 11, 2013 at 7:43pm

जय हो माँ भगवती शारदे की ...............हम सब पर कृपा करें माँ

बहुत सुन्दर वंदन

साधुवाद

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on February 11, 2013 at 6:26pm

जय माँ शारदे....!

Comment by विजय मिश्र on February 11, 2013 at 11:35am

" हर  मन हो निश्छल, कार्य सुमंगल, हो सद्धर्म प्रकाशा  ! "

                                                जय हो माते सरस्वती शारदे |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी जी, आपने बहुत शानदार ग़ज़ल कही है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल…"
18 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी, अपनी समझ अनुसार मिसरे कुछ यूं किए जा सकते हैं। दिल्लगी के मात्राभार पर शंका है।…"
34 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
48 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
53 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
55 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मनुष्य से आवेग जनित व्यवहार तो युद्धभा में भी वर्जित है और यहां यदा-कदा यही आवेग ही निरर्थक…"
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीया रिचा यादव जी आपको मेरा प्रयास पसंद आया जानकर ख़ुशी हुई। मेरे प्रयास को मान देने के लिए…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपके…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"2122 - 1122 - 1122 - 112 / 22 हमने सीखा है ये धड़कन की ज़बानी लिखना दिल पे आता है हमें दिल की…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"बे-म'आनी को कुशलता से म'आनी लिखना तुमको आता है कहानी से कहानी लिखना यह शेर किसी के हुनर…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय तिलकराज सर, बहुत समय बाद आयोजन के लिए ग़ज़ल कही है। आपको मेरा प्रयास पसंद आया जानकर ख़ुशी…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय तिलकराज भाईजी, मुझे उचित प्रतीत नहीं होता कि मैं उपर्युक्त संवाद-प्रक्रिया पर कुछ…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service