For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

साँसें जब करने लगीं, साँसों से संवाद

जुबाँ समझ पाई तभी, गर्म हवा का स्वाद

 

हँसी तुम्हारी, क्रीम सी, मलता हूँ दिन रात

अब क्या कर लेंगे भला, धूप, ठंढ, बरसात

 

आशिक सारे नीर से, कुछ पल देते साथ

पति साबुन जैसा, गले, किंतु न छोड़े हाथ

 

सिहरें, तपें, पसीजकर, मिल जाएँ जब गात

त्वचा त्वचा से तब कहे, अपने दिल की बात

 

छिटकी गोरे गाल से, जब गर्मी की धूप

सारा अम्बर जल उठा, सूरज ढूँढे कूप

 

प्रिंटर तेरे रूप का, मन का पृष्ठ सुधार

छाप रहा है रात दिन, प्यार, प्यार, बस प्यार

 

तपता तन छूकर उड़ीं, वर्षा बूँद अनेक

अजरज से सब देखते, भीगा सूरज एक

 

भीतर है कड़वा नशा, बाहर चमचम रूप

बोतल दारू की लगे, तेरा ही प्रारूप

-----------

(मौलिक एवम् अप्रकाशित)

Views: 24425

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on February 1, 2018 at 8:55pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय बृजेश जी

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 24, 2017 at 9:19pm
वाह आदरणीय सुन्दर सरस दोहे हुए..हार्दिक बधाई सादर
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 27, 2013 at 9:06pm

धन्यवाद Ketan Parmar जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 27, 2013 at 9:05pm

बहुत बहुत शुक्रिया  बृजेश नीरज जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 27, 2013 at 9:05pm

बहुत बहुत धन्यवाद Saurabh Pandey जी, स्नेह बना रहे

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 27, 2013 at 9:04pm

बहुत बहुत धन्यवाद  vandana tiwari जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 27, 2013 at 9:03pm

बहुत बहुत शुक्रिया जितेन्द्र 'गीत' जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 27, 2013 at 9:03pm

बहुत बहुत धन्यवाद Shyam Narain Verma जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 27, 2013 at 9:02pm

बहुत बहुत शुक्रिया बसंत नेमा जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 27, 2013 at 9:02pm

बहुत बहुत धन्यवाद Laxman Prasad Ladiwala जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
45 minutes ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
46 minutes ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
47 minutes ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
51 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
52 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
53 minutes ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
2 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
2 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service